केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित अप्रैल-जून तिमाही में विभागीय व्यय में 65 प्रतिशत से अधिक की बचत के लिए डीओपीटी की सराहना की, जो वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित बचत से 20 प्रतिशत से भी ज़्यादा
सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के लिए समीक्षा बैठक हुई
नयी दिल्ली (PIB): केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को 2020 की इसी तिमाही की तुलना में 2021 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान विभागीय व्यय में लगभग 65 प्रतिशत से अधिक की बचत करने के लिए बधाई दी, जो कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित बचत से 20 प्रतिशत से अधिक है।
चार शीर्ष प्रमुख क्षेत्रों के अंतर्गत होने वाली बचतें इस प्रकार हैं: विदेश यात्रा (100 प्रतिशत), घरेलू यात्रा (60.20 प्रतिशत), प्रशासनिक व्यय (85.84 प्रतिशत) और प्रकाशन (79.16 प्रतिशत)।
सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री की व्यापक समीक्षा बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने फिजूल खर्ची कम करने में डीओपीटी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि, यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी मंत्रालयों को वित्त मंत्रालय द्वारा यात्रा, भोजन तथा सम्मेलनों पर फिजूलखर्ची को 20 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया गया है।
इसी प्रकार, सरकार द्वारा निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसरण में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में हुई प्रगति की समीक्षा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि, ई-ऑफिस संस्करण 7.0 को अपनाते हुए, इलेक्ट्रॉनिक रसीदों के संचालन एवं परिचालन में केंद्रीय पंजीकरण इकाई का डिजिटलीकरण और डेस्क अधिकारी प्रणाली द्वारा किसी फाइल को केवल चार स्तरों तक कम करके कार्यालय फाइलों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तुत होने वाले चैनल की समय पर समीक्षा की जानी चाहिए।
कोविड के खिलाफ लड़ाई के मुद्दे पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, केंद्र सरकार के डीओपीटी के संबंध में कार्मिक प्रबंधन के अंतर्गत नोडल विभाग होने के कारण महामारी की पहली व दूसरी लहर के दौरान प्रसार को कम करने के लिए समय-समय पर उपयुक्त निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने कहा, बायोमेट्रिक उपस्थिति से छूट, कार्यालयों में उपस्थिति को विनियमित करने, संबंधित मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग अनिवार्य बनाने, एपीएआर जमा करने की समय सीमा बढ़ाने और आईजीओटी पर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण जैसे उपायों ने कोविड-19 के प्रसार से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बैठक के दौरान केंद्रीय सचिव कार्मिक, श्री दीपक खांडेकर और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।