शिक्षकों को किया जाए गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त: प्रदीप सिंह चौहान
उरई(जालौन): इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा शिक्षकों को गैर शैक्षिण कार्य से मुक्त करने के आदेश के बाद जनपद जालौन में भी शिक्षक संगठन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की माँग ने जोर पकड़ लिया है।
विदित हो कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस सम्बंध में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नियम 27 व इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनीता शर्मा व अन्य जनहित याचिका में पारित आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, "सम्बंधित प्राधिकारी प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर इस नियम के अनुपालन का निर्देश दें।" चारु गौर और 02 की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने दिया।
प्रदीप सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने कहा कि, "शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निहित प्रावधान के अनुसार गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने के सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय व उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आदेश जारी कर पूर्व में भी स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं, परन्तु अधिकांश जनपदों में इन आदेशों की अवहेलना की जाती रही है। आशा है कि शासन द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन कड़ाई से कराया जाएगा।"
इलयास मंसूरी, जिला महामंत्री, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जनपद जालौन ने कहा कि, "जनपद जालौन में भी शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों-राशन वितरण, बीएलओ आदि में लगायी गयी है। आशा हैं कि न्यायप्रिय जिलाधिकारी महोदया द्वारा इसे उक्त आदेश का संज्ञान लेकर शिक्षकों को इन गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाएगा।"
"राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 के प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा भी इस सम्बन्ध में न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी है। शिक्षा हित मे शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कराना संगठन का मुख्य लक्ष्य है।"
(प्रदीप सिंह चौहान)
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