भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने आत्मनिर्भर कृषि ऐप लॉन्च किया: भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
नयी-दिल्ली (PIB): सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सावधानीपूर्वक संग्रह की गई जानकारियों का भंडार है जो किसानों के लिए बहुत प्रासंगिक हो सकती है लेकिन ये जानकारियां ऐसे विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है जो किसानों के हित के लिए तो है लेकिन ये उनको आसानी समझ में नहीं आती है। किसानों के फायदे के लिए अब इस कमी को दूर करने का काम राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म का घटक किसान मित्र कर रहा है। इसके तहत वह विभिन्न मंत्रालयों /विभागों जैसे भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (एनडब्ल्यूआईसी) के डेटा को आत्मनिर्भर कृषि ऐप पर एकत्र कर रहा है जो कि किसानों के लिए उपलब्ध होगा।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने ऐप लॉन्च के मौके पर कहा “भारत सरकार ने स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, बाजार और आपूर्ति श्रृंखला को सहयोग करने, महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले दो प्रमुख वर्ग किसान और प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए एक मजबूत प्रणाली के लिए निर्बाध रूप से काम किया है। किसान मित्र की पहल से आत्मनिर्भर कृषि ऐप के जरिए किसानों के पास आईएमडी, इसरो, आईसीएआर और सीजीडब्ल्यूए जैसे हमारे शोध संगठनों द्वारा उत्पन्न साक्ष्य-आधारित जानकारी होगी। यह जानकारी (किसानों द्वारा फसल पैटर्न, छोटे किसानों की जोत के मशीनीकरण या पराली जलाने संबंधी निर्णय लेने के लिए उपयोग किए जाने की स्थिति में) सुनिश्चित करेगी कि निर्णय पानी एवं पर्यावरण के स्थायित्व की महत्ता व संसाधनों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल को ध्यान में रखकर लिए जाए। किसानों के लिए बेसिक फोन पर आसान भाषा में जानकारी के साथ उपलब्ध ऐप, फैसले लेने की प्रक्रिया के दौरान समावेशिता को भी बढ़ाएगा।”
आत्मनिर्भर कृषि ऐप को किसानों को कृषि संबंधित बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराने और मौसम संबंधी जानकारी व अलर्ट सुविधा देने के लिए बनाया गया है। इसके जरिए किसानों को मिट्टी के प्रकार, मिट्टी की सेहत, नमी, मौसम और पानी उपलब्धता से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया गया है। और कृषि-जोत स्तर पर प्रत्येक किसान के लिए फसल चयन, उर्वरक आवश्यकताओं और पानी की जरूरत संबंधित जानकारियों का विश्लेषण भी ऐप पर किया गया है।
ऐप की परिकल्पना 5 चरणों में की गई:
1. आंकड़ों का एकत्रीकरण
2. केंद्रीकृत दृष्टिकोण का निर्माण
3. स्थानीय विशेषज्ञता (केवीके) समर्थित संवाद और दृष्टिकोण को विकसित करना
4. मशीन लर्निंग इनफेरेनसेंस का लाभ उठाना
5. निरंतर सुधार
ऐप की मुख्य विशेषताएं:
1. भाषा को सरल बनाकर आंकड़ों को किसानों के लिए आसान बनाना है। ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
2. ऐप के एंड्रॉइड और विंडोज संस्करण गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं और किसान, स्टार्ट-अप, केवीके, एसएचजी या एनजीओ इसका निःशुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे।
3. देश के दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, ऐप को न्यूनतम बैंडविड्थ पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
4. ऐप किसान से किसी तरह की जानकारी एकत्रित नहीं करता है। यह जरूरी आंकड़े (आंकड़ा देखें) प्रदान करने के लिए खेत की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर है। किसी स्थान से संबंधित आंकड़े उस क्षेत्र का पिनकोड दर्ज करके एकत्र किया जा सकेगा। आत्मनिर्भर कृषि ऐप कैसे काम करता है और उसके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस वीडियो को देखें:https://www.youtube.com/watch?v=yF2oITP1M8A
वर्तमान में लाइव स्टेज-1, आत्मनिर्भर कृषि ऐप भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों और विभागों (तालिका-1) से किसान और उसके खेत से संबंधित आंकड़ों को एक साथ प्रस्तुत करता है।
तालिका 1: आत्मनिर्भर कृषि ऐप और सरकारी मंत्रालय/विभाग पर उपलब्ध आंकड़ों की श्रेणियां जहां से आंकड़े प्राप्त हुए हैं।
आंकड़े |
स्रोत |
मौसम और मौसम आधारित जानकारी |
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) |
जमीन की सतह की जानकारी, वनस्पति सूचकांक और फसल |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) |
मिट्टी के प्रकार और मिट्टी की सेहत |
कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएफडब्ल्यू), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) |
सतही जल (नदी/जलाशय/नहर) और भू-जल |
राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (एनडब्ल्यूआईसी) जिसमें केंद्रीय भू-जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूए) शामिल है |
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के एमडी और सीईओ डॉ. यूएस अवस्थी ने ऐप की प्रशंसा करते हुए कहा “आत्मनिर्भर कृषि ऐप भारत सरकार की एक बेहतरीन पहल है जो किसानों को डिजिटल रूप में उपयोगी और सही जानकारी प्रदान करता है।”
इंडियन सेंटर फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन के फाउंडर ट्रस्टी राजा सीवान ने कहा “भारतीय सीएसटी देश में डिजिटल परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाने और सीएसआईआर 4 पैरडाइम इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर 4पीआई), बेंगलुरु में स्थित राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी के माध्यम से उत्कृष्टता की संस्कृति का प्रसार करने के लिए खुश है।" सेंटर की ऐप और किसान मित्र के विकास में प्रमुख भूमिका रही है। किसानमित्र को इंडियन सेंटर फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन, बेंगलुरु स्थित पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विकसित किया गया था। देसी दुधारू मवेशियों में सुधार के लिए 26 नवंबर, 2020 को आईसीएसटी का प्लेटफॉर्म ई-पशुहाट लॉन्च किया गया।
भारत में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के लिए इस ऐप के क्या मायने हैं, इस पर प्रकाश डालते हुए आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा, "आत्मनिर्भर कृषि ऐप मिट्टी की सेहत, जल स्तर और मौसम पर आंकड़े एकत्र करके केवीके को जरूरी जानकारी प्रदान करेगा। जिसके जरिए मौजूदा जमीनी वास्तविकताओं के अनुसार विशेष रूप से किसानों के साथ केवीके बातचीत कर सकेंगे। केवीके किसानों के साथ बातचीत करते हुए मौजूदा फसल प्रणालियों और कृषि संबंधी परंपराओं पर मौजूद उपलब्ध जानकारी को भी एकीकृत कर सकते हैं।
टेक महिंद्रा मेकर्स लैब टीम ने आत्मनिर्भर कृषि ऐप को डिजाइन और विकसित किया है। टेक महिंद्रा के ग्लोबल हेड-मेकर्स लैब, निखिल मल्होत्रा ने कहा, “एग्रीटेक टेक महिंद्रा के लिए एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है और डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी होने के रूप में, हम कृषि की उत्पादकता में सुधार के लिए डिजिटल टूल्स और प्रौद्योगिकियों के प्रभावी इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कृषि भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। हमारे एनएक्सटी.एनओडब्ल्यू चार्टर के अनुरूप, हम भारत के किसानों को सशक्त बनाने के लिए इस क्षेत्र में अनुसंधान और इन्नोवेशन कर रहे हैं जिसके जरिए आसान और सूचनात्मक ऐप लाए है। और इसके जरिए भारत की डिजिटल विकास की पटकथा में भाग ले रहा है।
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