सरकार ने जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएम-जीकेएवाई) को बढ़ाने को मंजूरी दी; मंत्रिमण्डल
पिछले वर्ष सरकार ने अप्रैल-नवंबर 2020 की अवधि के लिए एनएफएसए में शामिल सभी लाभार्थियों के लिए पीएम-जीकेएवाई की घोषणा की थी.
लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को आठ महीनों की अवधि के लिए अतिरिक्त 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त में आवंटित किया था.
2021 में पीएम-जीकेएवाई की दो महीनों (मई एवं जून) की अवधि के लिए 26,602 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ घोषणा की थी.
माननीय प्रधानमंत्री ने 7 जून 2021 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम-जीकेएवाई योजना को और पांच महीने की अवधि तक नवंबर 2021 में दिवाली तक बढ़ाने की घोषणा की.
लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को अगले 5 महीनों की अवधि के लिए अतिरिक्त 204 एमएमटी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका अनुमानित वित्तीय भार 67,266 करोड़ रुपये होगा.
खाद्यान्नों का यह अतिरिक्त निःशुल्क आवंटन एनएफएसए के तहत आने वाले लाभार्थियों के लिए आवंटित नियमित मासिक खाद्यान्न के अतिरिक्त होगा.
इस अतिरिक्त आवंटन की पूरी लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जाएगी.
नयी-दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (चरण IV) के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार) के तहत कवर किए गए अधिकतम 81.35 करोड़ लाभार्थियों, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत कवर किए गए लोग भी शामिल हैं, को पांच महीने की एक और अवधि यानी जुलाई से लेकर नवंबर, 2021 तक के लिए पांच किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से मुफ्त अतिरिक्त खाद्यान्न के आवंटन को मंजूरी दे दी है।
2020 में, भारत सरकार ने अप्रैल-नवंबर 2020 की अवधि के लिए गरीबों के लिए पीएम गरीब कल्याण पैकेज के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के तहत शामिल सभी लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) की घोषणा की थी। देश में कोविड-19 के प्रकोप के कारण लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को 8 महीने (अप्रैल-नवंबर 2020) की अवधि के लिए अतिरिक्त 5 किलो खाद्यान्न (गेहूं या चावल) आवंटित किया गया, जिससे आर्थिक व्यवधानों के मद्देनजर गरीब/कमजोर लाभार्थियों/परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई। पीएम-जीकेएवाई 2020 (अप्रैल-नवंबर 2020) के तहत विभाग द्वारा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल लगभग 321 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था, लगभग 305 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाया गया था और कुल 298 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न (यानी आवंटित मात्रा का लगभग 93 प्रतिशत) पूरे देश में वितरित किया गया।
2021 में, पीएमजीकेएवाई-2020 के अनुरूप देश भर में चल रही गंभीर कोविड-19 महामारी और इसके मद्देनजर आर्थिक व्यवधानों के कारण, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) को दो महीने की अवधि यानी मई 2021 और जून 2021 के लिए लागू करने की घोषणा की थी जिसका अनुमानित व्यय लगभग 26,602 करोड़ रुपये है। इस उद्देश्य के लिए 79 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न का कुल आवंटन किया गया था। पीएम-जीकेएवाई 2021 (मई-जून 2021) के तहत, अब तक 76 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न यानी आवंटित खाद्यान्न का 96 प्रतिशत से अधिक राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा उठा लिया गया। इसके अलावा, मई 2021 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 35 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न (यानी मासिक आवंटन का लगभग 90 प्रतिशत) वितरिक किया गया और जून 2021 के लिए 23 लाख मीट्रिक टन से अधिक (यानी मासिक आवंटन का लगभग 59 प्रतिशत) का वितरण किया गया। लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को मई 2021 और जून 2021 के महीनों के लिए 5 किलोग्राम अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न (गेहूं या चावल) मिल रहा है।
देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने और संकट के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 7 जून 2021 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम-जीकेएवाई (2021) योजना को और पांच महीने की अवधि तक नवंबर 2021 में दिवाली तक बढ़ाने की घोषणा की। 5 किलो खाद्यान्न (गेहूं या चावल) का अतिरिक्त आवंटन जिसमें 5 महीने की अवधि के लिए लगभग 204 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की कुल मात्रा शामिल है, लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को अनुमानित वित्तीय खर्च 67,266 करोड़ रुपये के साथ प्रदान किया जाएगा। खाद्यान्नों का यह अतिरिक्त मुफ्त आवंटन एनएफएसए के तहत आने वाले लाभार्थियों के लिए आवंटित नियमित मासिक खाद्यान्न के अतिरिक्त होगा। पीएम-जीकेएवाई के तहत इस अतिरिक्त आवंटन की पूरी लागत, जिसमें इंट्रा स्टेट ट्रांसपोर्टेशन, डीलर्स मार्जिन आदि पर खर्च शामिल है, जिसका वहन भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बिना साझा किए किया जाएगा।
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