श्रद्धांजलि: बिहार के सबसे बड़े कोल्ड स्टोरेज- बरौली कोल्ड स्टोरेज के संस्थापक- स्वर्गीय सचिता प्रसाद सिन्हा को भावपूर्ण 'श्रद्धांजलि'
गोपालगंज (बिहार)/ लखनऊ: बिहार के सबसे बड़े कोल्ड स्टोरेज- 'बरौली कोल्ड स्टोरेज' के संस्थापक- स्वर्गीय सचिता प्रसाद सिन्हा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए, सम्पादक व लोसपा प्रदेश अध्यक्ष (उ.प्र.) तथा रेल सेवक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री- इं. एस. एन. श्रीवास्तव ने लिखा है कि, वे 4 वर्ष पूर्व इसी सप्ताह में दि: 07 जून 2017 को बाबू जी (Father in Law) को साथ लेकर गोपालगंज से लखनऊ के लिए प्रस्थान किए थे जो एक सुखद अनुभूति थी।
इस अपार दु:ख की बेला में प्रस्तुत है,
"भावपूर्ण श्रद्धांजलि":
बाबू जी, क्यों हमारी दुनिया को सूना कर गये;
आप बालकनी में कुर्सी पर बैठे,
और बैठे-बैठे बड़ी दूर निकल गये।
हमें कहा मालूम था, ये किस मंजिल का सफर है?-
आप बिना बताए कारवाँ ए जिंदगी तय कर गये।।
(एस. एन. श्रीवास्तव)
उपरोक्त श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़ व लोसपा प्रदेश अध्यक्ष (उ.प्र.) तथा रेल सेवक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री- इं एस. एन. श्रीवास्तव ने बताया कि, उनके ससुर दो भाई थे तथा उनका बहुत बड़ा संयुक्त परिवार है।
एस. एन. श्रीवास्तव, सम्पादक व लोसपा प्रदेश अध्यक्ष (उ.प्र.) तथा रेल सेवक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री- इं एस. एन. श्रीवास्तव, जो अपने ससुर- सचितानन्द प्रसाद सिन्हा के बड़े दामाद हैं, को उनकी मृत्यु से गहरा आघात लगा क्योंकि उनका अपने ससुर से बहुत लगाव था। उनके ससुर माध्यम वर्गीय परिवार से थे तथा प्रारम्भ से उनका व्यक्तित्व दृढ इरादे और मजबूत आत्मबल वाला था और यही आधार था कि, उन्होंने बरौली में बिहार के सबसे बड़े कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की थी।
उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। दोनों पुत्र भी और छोटे दामाद भी सफल व्यापारी हैं। बड़े पुत्र- अरुण कुमार सिन्हा ने माता-पिता के आशीर्वाद से सेंट ज़ेवियर इण्टर कालेज की भी स्थापना कर चुके हैं। बड़े दामाद रेलवे में इंजीनियर थे तथा वर्तमान में राजनीति में हैं।
एस. एन. श्रीवास्तव ने बताया कि, उनके ससुर अपने बड़े दामाद पर अत्यधिक विश्वास करते और गंभीर मसलों पर परामर्श भी करते थे।
एस. एन. श्रीवास्तव का भी पूरा नाम- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव है।
आइए, देखते हैं, 4 वर्ष पहले, वर्ष 2017 के इसी सप्ताह में दि: 07 जून 2017 को हमारे साथ गोपालगंज से लखनऊ के लिए प्रस्थान करते समय लिए गये चित्रों की झलक:-