विशेष: चलो आओ - उन्हें बुलाओ, जो चले गए काल के गाल में - असमय हमें छोड़कर....: राघवेंद्र सिंह
विशेष में प्रस्तुत है, ललितपुर के किसान व लोसपा के राष्ट्रीय महासचिव - राघवेंद्र सिंह द्वारा रचित कविता:
चलो आओ - उन्हें बुलाओ,
जो चले गए काल के गाल में
असमय हमें छोड़कर।
हम रोते रहे दुर्भाग्य पर,
पछताते रहे, पूर्व जन्मों के पाप पर।
नहीं पछताए तो देश की भ्रष्ट व्यवस्था पर,
न हीं गुस्साए हाँफती चिकित्सा पर।
हम गिड़गिड़ाते रहे,
भिखारियों की तरह, बेबसी के द्वार पर।
हाँ, केवल हँसता रहा,
लोकतंत्र की चौखट के अंदर
सुरक्षित लुटेरों का झुंड।
चलो आओ - उन्हें बुलाओ
जो चले गए काल के गाल में
असमय हमें छोड़कर।।
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