ममता ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पर की शपथ ली, कोविड और हिंसा से लड़ने का दिया भरोसा
"भाजपा, वाम और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए"
कोलकाता, 05 मई (भाषा): राज्य विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर बुधवार को शपथ ली। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से राज्य में हो रही राजनीतिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शेंगी नहीं।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच राजभवन में आयोजित साधारण समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बनर्जी ने बांग्ला भाषा में शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह तब भी हुआ जब राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा ने हैस्टिंग्स दफ्तर में रविवार रात के बाद से कथित तौर पर टीएमसी द्वारा उसके कार्यकर्ताओं पर किए गए हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी ने दावा किया है कि उसके कई कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और पार्टी कार्यालयों को क्षतिग्रस्त किया गया है। प्रदर्शन में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष भी उपस्थित थे।
टीएमसी सूत्रों ने बताया कि बुधवार को अकेले बनर्जी ने शपथ ली और उनके मंत्रिमंडल को नौ मई को यानि बंगाली सांस्कृतिक प्रतीक नोबेल पुरस्कार विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर की जयंती के दिन अन्य मंत्रियों के शपथ के साथ विस्तार दिया जाएगा।
बनर्जी ने शपथ लेने के बाद कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता कोविड स्थिति को नियंत्रित करने की है।’’
बनर्जी ने कहा कि वह राजभवन से निकलने के तुरंत बाद राज्य सचिवालय नाबन्ना में वैश्विक महामारी की स्थिति पर एक बैठक करेंगी।
हिंसा की घटनाएं जिनमें भाजपा और टीएमसी के कई कार्यकर्ताओं की जान जाने की खबर है, उनका जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं आज से कानून-व्यवस्था को देखूंगी और सख्ती से इससे निपटूंगी। यह मेरी दूसरी प्राथमिकता है।”
उन्होंने शपथग्रहण के बाद पत्रकारों से कहा, “हम किसी को (हिंसा करने वालों को) बख्शने वाले नहीं हैं और कानून-व्यवस्था को बहाल करने के लिए सबकुछ करेंगे।”
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से शांति बनाए रखने में मदद की अपील की।
तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए बनर्जी को बधाई देते हुए धनखड़ ने उम्मीद जताई कि वह कानून एवं संविधान के अनुरूप राज्य में शासन करेंगी।
धनखड़ ने कहा, “हम इस वक्त बहुत गंभीर संकट में हैं।” साथ ही कहा कि वह चुनाव के बाद हो रही हिंसा के मुद्दे को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाए हैं।
राज्यपाल ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित कर रही भयावह एवं निर्मम हिंसा को समाप्त करना है। चुनाव के बाद की हिंसा अगर प्रतिशोध में की जा रही है, तो यह लोकतंत्र विरोधी है।”
धनखड़ ने हिंसा के मुद्दे पर बार-बार राज्य सरकार की खिंचाई की है और कई मुद्दों पर बनर्जी के साथ उनके विवाद रहे हैं।
राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री, तत्काल आधार पर कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए कदम उठाएंगी और सुनिश्चित करेंगी कि जो भी प्रभावित हैं, खासकर महिलाएं एवं बच्चे, उनतक राहत पहुंचे।
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मैं नई सरकार से नई प्रतिबद्धता, सहकारी संघवाद के प्रति एक नये दृष्टिकोण की भी उम्मीद करता हूं।”
इस दौरान मुख्यमंत्री उनके बगल में ही खड़ी थीं।
उन्होंने बनर्जी से सामान्य से बेहतर करने की अपील की और उम्मीद जताई कि वह ऐसा करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को तीसरी बार कार्यकाल मिलना सामान्य नहीं है।
बनर्जी को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, “ऐसी स्थितियां आती हैं जब राज्य संकट का सामना करता है, हमें पक्षपाती हितों से ऊपर उठना होगा।”
राज्यपाल का भाषण समाप्त होने के बाद, बनर्जी ने कहा कि उन्हें अभी-अभी प्रभार संभाला है और कहा कि पुलिस प्रशासन को तीन महीनों से निर्वाचन आयोग चला रहा है।
भाजपा जहां अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमले और उसके कार्यालयों को क्षतिग्रस्त करने का आरोप टीएमसी पर लगा रही है, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी ने भी दावा किया है कि भगवा पार्टी जहां जहां जीती है वहां उसके समर्थकों पर हमला किया गया और उनकी हत्या की गई है।
पुलिस प्रशासन में बदलाव का संकेत देते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं नया ढांचा बनाउंगी और सुनिश्चित करुंगी कि हिंसा में शामिल किसी को न बख्शा जाए।”
निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई पुलिस अधिकारियों का तबादला किया था जिसमें राज्य के एडीजी (कानून-व्यवस्था) और डीजीपी तथा कई जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।
बनर्जी ने दावा किया कि पिछले तीन महीने से उनकी सरकार के तहत पुलिस प्रशासन न होने के कारण कुछ अक्षमता थी।
इस बीच, नड्डा ने भाजपा के हैस्टिंग्स स्थित कार्यालय में एक अलग शपथग्रहण समारोह का नेतृ्त्व किया जहां पार्टी नेताओं ने लोकतंत्र को बचाने और पश्चिम बंगाल के लोगों को राजनीतिक हिंसा के दुष्चक्र से बचाने की शपथ ली।
नड्डा ने कहा, “मैं नॉर्थ 24 परगना जैसे जिलों में जा रहा हूं ताकि निर्मम हिंसा से प्रभावित अपने सदस्यों के साथ होने का भरोसा दिला सकूं, ऐसी हिंसा जो स्वतंत्र भारत में नहीं देखी गई। हम पूरे देश को इसके बारे में बताना चाहते हैं।”
पार्थ चटर्जी और सुब्रत मुखर्जी जैसे टीएमसी नेताओं के अलावा, टीएमसी की जीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ममता के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।
भाजपा, वाम और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता समारोह में शामिल नहीं हुए।
(साभार- भाषा)
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