कैबिनेट ने श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दी
भारत में इन वस्तुओं के उत्पादन पर अगले 5 वर्षों के दौरान प्रोत्साहन के रूप में 6,238 करोड़ रुपये दिए जायेंगे
अगले 5 वर्षों के लिए 1.68 लाख करोड़ रुपये के
उत्पादन तथा 64,400 करोड़ रुपये के निर्यात का अनुमान
इस योजना से अगले 5 वर्षों के दौरान 7,920 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश, 49,300 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति तथा 4 लाख नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी
नई-दिल्ली (PIB): आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न के अनुरूप एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6,238 करोड़ रुपये के बजट-आवंटन के साथ श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दे दी है।
पीएलआई योजना का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्र आधारित अक्षमताओं को दूर करके, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था का निर्माण और दक्षता को सुनिश्चित करते हुए भारत में विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसकी रूपरेखा भारत में उपकरणों व कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है, ताकि भारत को वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा सके। इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
पीएलआई योजना के तहत एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट के निर्माण से जुड़ी कंपनियों को अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में निर्मित वस्तुओं की वृद्धिमान बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन दिया जायेगा। वांछित क्षेत्रों में वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कल-पुर्जों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों की पहचान की गयी है। योजना के लिए कंपनियों का चयन कल-पुर्जों के निर्माण या उपकरण के हिस्से का निर्माण (सब असेम्बलिंग) को प्रोत्साहन देने के आधार पर किया जायेगा, जिन उपकरणों का वर्त्तमान में भारत में पूरी क्षमता के साथ निर्माण नहीं किया जा रहा है। तैयार वस्तुओं को सिर्फ जोड़ने (असेम्बल) के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा।
विभिन्न लक्षित क्षेत्रों के लिए पूर्व-पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियां योजना में भाग लेने के योग्य मानी जायेंगी। ब्राउन फील्ड और ग्रीन फील्ड निवेश करने वाली कंपनियां भी प्रोत्साहन योजना के योग्य मानी जायेंगी। प्रोत्साहन का दावा करने के लिए आधार वर्ष पर निर्मित वस्तुओं के सन्दर्भ में वृद्धिमान निवेश और वृद्धिमान बिक्री की शर्त को पूरा करना होगा।
भारत सरकार की किसी अन्य पीएलआई योजना का लाभ उठा रही कोई कंपनी समान उत्पाद के संदर्भ में योजना के तहत पात्र नहीं मानी जायेगी, लेकिन कंपनी, भारत सरकार या राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकती है। योजना को पूरे देश में लागू किया जायेगा और इसके लिए किसी स्थान, क्षेत्र या आबादी विशेष को ध्यान में नहीं रखा गया है। एमएसएमई कंपनियों समेत देश और विदेश की विभिन्न कंपनियों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है।
उम्मीद है कि यह योजना, एसी और एलईडी लाइट उद्योग में उच्च विकास दर हासिल करने, भारत में सहायक कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को विकसित करने तथा भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की कंपनियों को तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। इन कंपनियों को घरेलु बाज़ार में बिक्री के लिए अनिवार्य बीआईएस और बीईई मानकों तथा वैश्विक बाज़ारों में लागू मानकों को पूरा करना होगा। इस योजना से शोध, विकास व नवाचार में निवेश तथा प्रौद्योगिकी उन्नयन में सहायता मिलेगी।
अनुमान है कि पीएलआई योजना से अगले 5 वर्षों के दौरान 7,920 करोड़ रुपये का वृद्धिमान निवेश होगा; 1,68,000 करोड़ रुपये का वृद्धिशील उत्पादन होगा, 64,400 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का निर्यात होगा; 49,300 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष राजस्व प्राप्ति होगी एवं रोजगार के 4 लाख प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे।
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