VIDEO: राज्य सभा में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के बिरोध में गरजे सांसद संजय सिंह - सरकार पर हमला!
- किसान को मूर्ख मत समझना भाजपाईयों, वो बिगड़ैल बैल की नाक में नकेल डाल देते हैं, तुम्हारी सरकार के नाक में भी नकेल डाल देंगे...मोदी सरकार 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की नही 4 पूँजीपतियों सरकार है....लाल क़िले पर हमला भाजपा ने कराया, इसके प्रमाण सामने आ चुके हैं।
(साभार- You Tube / राज्य सभा TV)
नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में सहभागिता करते हुए सांसद- संजय सिंह ने राज्य सभा में अपनी प्रस्तुति में कहा कि, "मैं महामहिम राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के बिरोध में अपनी बात कहने के लिए खड़ा हुआ हूँ और मैं दुष्यंत कुमार की कुछ पंक्तियों से अपनी बात सुरू करना चाहता हूँ ___
"हो गई है 'पीर' पर्वत सी पिघलनी चाहिए - हो गई है 'पीर 'पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
और सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, - मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।।"
मुल्क में जो हालात हैं किसान के मान्यवर, आज क्या हालत कर दी गयी है इस देश में?- पिछले 76 दिनों से किसान आंदोलन पर है, उनके ऊपर लाठियां चलाये गयीं, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, बूढ़े किसानों की आँखें फोड़ दी गयीं, कड़कती ठण्ड में पानी की बौछारें कि गयीं, उनको आतंकवादी कहा गया, उनको गद्दार कहा गया, उनको खालिस्तानी कहा गया मान्यवर, उनको अपमानित किया गया, यहां तक कि, भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने कहा कि, "ये किसान नहीं, आतंकवादी हैं। इनको सूट कर देना चाहिए, और अगर दिल्ली पुलिस नहीं कर पाती तो मैं इनको जूतों से मारूँगा - जूतों से मारूँगा।", ये भाजपा के लोग कह रहे हैं, मान्यवर। इस देश के 'अन्नदाता', जो अनाज पैदा करके आपका पेट भरते हैं, आप उनको जूतों से मारने की बात करते हैं। 11 (ग्यारह) दौर की आप वार्ता कर चुके, सारी की सारी वार्ता फेल! आप कहते हैं कि, मैं एक फोन काल की दूरी पर हूँ। मैं यह पूछना चाहता हूँ कि, क्या इस सरकार के पास कॉल करने के लिए दो रुपये भी नहीं हैं। अरे दो रुपये नहीं हैं तो हमलोगों से ले लो लेकिन कॉल कर लो किसानों को। उनकी पीड़ा चरम पर पहुँच चुकी है, मान्यवर! 165 किसानों ने अब-तक अपनी शहादत दी है। आप जाईये गाजीपुर बॉर्डर पर, वहाँ 97 साल के ईलम सिंह आपको मिलेंगे, उनके दो बेटे फ़ौज में हैं, रो-रो के कहते हैं- "मुझे इस उम्र में उग्रवादी कहा जा रहा है, नक्सलवादी कहा जा रहा है।" ये उनकी पीड़ा है, मान्यवर। आप जाईये टिकरी बॉर्डर पर, आप जाईये सिंधु बॉर्डर पर, पीड़ा के साथ वो लोग कहते हैं, "शहीद ये आजम भगत सिंह के बंशजों को, शहीद लाला लाजपत राय के बंशजों को, जलियावाला बाग़ में शहादत देने वालों के बंशजों को आप खालिस्तानी कह रहे हैं, आतंकवादी कह रहे हैं, उनको अपमानित करने का काम कर रहे हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि, "क्या दुश्मनी है आपकी इन अन्नदाताओं से?- चलिए, सब कुछ कर लिया आपने, अब तो कम से कम उन पर दया कीजिये और यह तीनों कला क़ानून वापस लेना ही पडेगा आपको, लेना चाहिए, अब आपने जुल्म की इन्तहा कर दी है। आप चले जाइये गाजीपुर बॉर्डर पर मान्यवर, कटीले तार और बड़ी-बड़ी कीलें गाड़ दी गई हैं। 12 - 12 इंच की सड़क पर कीलें गाड़ दी गई हैं। देख कर ऐसा लगता है कि, दुश्मन देश कि सेना आने वाली है। ऐसी स्थितियां दो परिस्थितियों में जन्म लेती हैं मान्यवर, जब देश का शासक अपनी जनता से डरने लगता है तो ऐसी सीमाएं - ऐसी बेड़ियाँ बनवाता है या देश की जनता को शत्रु समझने लगता है, तब ऐसी बेड़ियाँ लगवाता है। ये हो रहा है मान्यवर! आज इनके जुल्म के कारण हिन्दुस्तान के महान किसान नेता- बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के लड़के- राकेश टिकैत को रोना पड़ा और यह कहना पड़ा कि, "भाजपा के लोग हमें घेर कर लाठियों से पीटना चाहते हैं।" ये आप करा रहे हैं - ये आप करा रहे हैं! आप डेमोक्रेसी की बात यहां करते हैं, आप आजादी की बात यहां करते हैं, आपने इस देश की हालत यह बना रखी है, कि राजदीप सरदेसाई जैसे वरिष्ठ पत्रकार के ऊपर आपने मुक़दमे दर्ज करके पत्रकारिता को भी दबाने और कुचलने का काम किया। हर तरफ जुल्म, हर तरफ एफ आई आर - हर तरफ मुक़दमे! जो पानी पहुंचा रहा है, उस पर मुकदमा, जो डीजल दे रहा, उस पर मुकदमा, जो खाने का इंतजाम कर रहा, उस पर मुकदमा, NIA लगा दो, CBI लगा दो, पुलिस लगा दो, जांच लगा दो। अरे, वो आपके देश के नागरिक हैं, आप कहते हैं, "किसानों को यह बिल समझ में नहीं आया। हम बड़े समझदार हैं, आइये, हम आपको किसानी बिल समझायेंगे। मान्यवर, इनकी समस्या यह नहीं है कि, किसानों को यह बिल समझ में नहीं आया। इनकी समस्या यह है कि, किसानों को यह बिल समझ में आ गया है और अब यह तीनों कला क़ानून वापस चाहते हैं, किसान। आप बड़े अक्लमंद समझते हैं अपने आपको। अरे, किसान को इतना मुर्ख मत समझिये भाजपा के लोगों। वो बिगलैड़ बैल की नाक में नकेल डाल देते हैं वो आपकी सरकार के नाक में भी नकेल डाल देंगे, चिंता मत करिये।
और भी बहुत कुछ कहा सांसद- संजय सिंह ने...
धरा बेच देंगे ,गगन बेच देंगे, धरा बेच देंगे - गगन बेच देंगे, गली बेच देंगे - चमन बेच देंगे।
अगर तुम यूँ ही -यूँ ही सोते रहे तो, ये फर्जी राष्ट्रवादी वतन बेच देंगे - वतन बेच देगें- वतन बेच देंगे।।
अंत में बजट के ऊपर उपरोक्त चन्द लाइनों में अपना बिरोध प्रकट करते हुए सांसद संजय सिंह ने अपनी प्रस्तुति पर बिराम लगाई।
राज्य सभा में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के बिरोध में सांसद- संजय सिंह की उक्त प्रस्तुतियों पर लोसपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष- एस• एन• श्रीवास्तव ने संजय सिंह को ट्वीट कर शुभकामनाएं और बधाई दी।
अपने ट्वीट में लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने अपने एक ट्वीट में संजय सिंह को भेजे बधाई सन्देश में कहा कि, "आप ने जिस निडरता से शेर की तरह दहाड़ते हए संसद में तथ्यों को रखा है, उससे आपने हम सब के राजनैतिक गुरु- परमादरणीय रघु ठाकुर जी, महान समाजवादी चिंतक व विचारक तथा संस्थापक व राष्ट्रीय संरक्षक का मान व सम्मान बढ़ाया है।
महामहिम राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बिरोध में खड़े होकर अपनी प्रस्तुति में आपने सटीक शब्दों का उपयोग किया है और सत्य कहा है आपने।
रघु ठाकुर- जिन्दाबाद! जिन्दाबाद!! समाजवाद- जिन्दाबाद! जिन्दाबाद!!
शुभकामनाएं और बधाई।
@SanjayAzadSln
— सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•) (@LSPUP2016) February 5, 2021
प्रिय संजय जी,
सप्रेम https://t.co/WdoDuO840s
आप ने जिस निडरता से शेर की तरह दहाड़ते हए संसद में तथ्यों को रखा है, उससे आपने हम सब के राजनैतिक गुरु- परमादरणीय रघु ठाकुर जी, महान समाजवादी चिंतक व विचारक तथा संस्थापक व राष्ट्रीय संरक्षक का मान व सम्मान बढ़ाया है।
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