कामकाजी महिलाओं की निगरानी वाला प्रस्ताव सुरक्षा की आड़ में नियंत्रण की कोशिश: कार्यकर्ता
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों घोषणा की थी कि, सरकार काम के लिए बाहर जाने वाली महिलाओं के लिए पंजीकरण सुविधा शुरू करेगी, जहां उन्हें स्थानीय थाने में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और सुरक्षा के लिए उन्हें ट्रैक किया जाएगा, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसकी आलोचना की है.
नई-दिल्ली: 'द वायर' में प्रकाशित खबरों के अनुसार, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनकी निगरानी करने के मध्य प्रदेश सरकार के एक प्रस्ताव के खिलाफ मध्य प्रदेश भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि, सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर अगर इस प्रस्ताव को लागू किया गया तो इससे महिलाओं की आजादी पर गंभीर असर पड़ेगा।
संयुक्त बयान में मैमूना मोल्ला, शबनम हाशमी, अंजलि भारद्वाज, पूनम कौशिक समेत कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे इस तरह के किसी भी प्रस्ताव और इस तरह की पितृसत्तात्मक सोच को खारिज करती हैं।
हाशमी ने दावा किया कि, करीब 40 कार्यकर्ताओं को कुछ देर हिरासत में भी रखा गया।
MP government SP and official tweets say it is for the safety and security of Sons and daughters of state who goes out of job
— Poonam kaushik (@KaushikPms) January 15, 2021
And to stop human trafficking.
Instead of strengthening the infrastructure of Anti human trafficking units in the state and center this order will put https://t.co/XFmgsHEV58
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 जनवरी को कथित तौर पर कहा था कि, वह ऐसी व्यवस्था बनाने के पक्ष में हैं जिसके तहत काम के लिए घर से बाहर रहने वाली महिलाएं स्थानीय थाने में अपना विवरण देंगी और सुरक्षा के लिए उनकी निगरानी की जाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई की मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने कहा कि, चौहान को कानून-व्यवस्था में सुधार करने, स्थानीय बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक स्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने तथा महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में प्रभावी जांच और अभियोजन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने बयान में कहा, ‘यह निगरानी प्रस्ताव राज्य में शासन की विफलताओं से ध्यान हटाने का एक माध्यम है। हम उनकी सुरक्षा की आड़ में महिलाओं पर नियंत्रण रखने की इस प्रस्ताव की निंदा करते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि वे अपनी इस प्रस्ताव को वापस लें।’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को कहा था कि, वह आजीविका के लिए राज्य से बाहर जाने वाले पुरुषों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया था कि, ये प्रक्रिया उनकी सुरक्षा के लिए होगी. इस प्रणाली के तहत गृह विभाग अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर एक व्यवस्था कायम करेगा।
उन्होंने कहा था, ‘इसके जरिए राज्य को पूरी जानकारी होगी कि हमारे बेटे-बेटियों को कौन बाहर ले गया है, किस प्रकार के काम के लिए ले गया है. बेटे-बेटियों के पास भी यह जानकारी रहेगी कि मुसीबत आने पर सबसे पहले किससे संपर्क किया जा सके।’
मध्यप्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि काम के लिए प्रदेश के बाहर जाने वाले बेटे-बेटियों का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 13, 2021
राज्य शासन दी गई जानकारी के आधार पर गुमशुदगी और असुरक्षा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेगा। pic.twitter.com/Pf4OLIkbfs
नई प्रणाली के तहत राज्य सरकार एक पंजीकरण सुविधा शुरू करेगी।
इंडियन एक्सप्रेस को मंगलवार को बताया था कि, प्रस्तावित व्यवस्था के तहत काम के लिए अपने घर से बाहर जाने वाली कोई भी महिला स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपना पंजीकरण कराएगी और उसे उसकी सुरक्षा के लिए ट्रैक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘अगर कोई असुरक्षित है या लापता है, तो प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर सकेगा और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेगा।’
हालांकि राज्य सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि, प्रस्तावित प्रणाली का उद्देश्य, राज्य से बाहर काम करने वालों को ट्रैक करना या प्रतिबंध लगाना नहीं है।
उन्होंने कहा था, ‘इसका एकमात्र उद्देश्य हमारे युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस व्यवस्था से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फायदा होगा'।
बीते 11 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से 15-दिवसीय जन जागरुकता अभियान ‘सम्मान’ का शुभारंभ करते हुए कहा, ‘मैं अपने कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, एसओ, टीआई, सीएसपी, एसडीओपी, एसपी सहित सभी अधिकारियों से कहना चाहूंगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चे लापता न हों।’
नारी की पूजा करना, उसका सम्मान करना हमारी संस्कृति है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 11, 2021
फिर भी कुछ ऐसे नरपिशाच हैं, जो बहन-बेटियों पर कुदृष्टि डालने का पाप करते हैं, ऐसे लोगों से लड़ने वाले हमारे #AsliHero हैं।
महिला सुरक्षा पर जन जागरुकता अभियान 'सम्मान' का भोपाल में शुभारंभ किया।https://t.co/IP1l95b2cj https://t.co/Y1iSJ3m3SZ pic.twitter.com/oDJC7Gj91L
उन्होंने कहा, ‘मज़दूरी करने के लिए कोई बेटा या बेटी ज़िले के बाहर जाएगा, तो ग्राम पंचायत में रजिस्ट्रेशन होगा, यदि प्रदेश से बाहर जाएगा तो ज़िला स्तर पर रजिस्ट्रेशन होगा, जिससे ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन को काम पर जाने वालों के बारे में पता होगा. उनके नंबर उपलब्ध होंगे और वे कहां गए और उन्हें कौन ले गया, इसकी जानकारी उपलब्ध होगी। बेटियों को पता होगा है कि, संकट में उनके माता-पिता किससे और कहां मिलेंगे।’
(साभार- 'द वायर', 'भाषा' & 'ट्विटर')
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