
मप्र के शहडोल जिला चिकित्सालय में लगभग चालीस से अधिक बच्चों की मौत की जाँच समिति गठित: रघु ठाकुर
पिछले 8 महीनों में 362 बच्चों की मौत हो चुकी है: जी मीडिया
(फोटो साभार- जी मीडिया)
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी इन बाल मौतों को व्यवस्था की असफलता मानती है तथा चिकित्सा सुविधाओं के अभाव व चिकित्सीय उपेक्षा व लापरवाही मानती है: रघु ठाकुर
भोपाल (म.प्र.): मध्य प्रदेश के शहडोल जिला चिकित्सालय में लगभग चालीस से अधिक बच्चे मौत के शिकार हो चुके हैं। जाहिर है कि ये गरीबों आदिवासियों के बच्चे हैं जिनके पास न इलाज की क्षमता है न आसानी से गाँव से शहर आने के लिये यातायात के साधन है। सरकारी स्तर पर जो जाँच कमेटी बनाई गई थी उसमे चिकित्सक लोग ही थे और इसलिए जनता की नजरों में उसकी रपट की निष्पक्षता संदिग्ध है। फिर रपट आने के बाद भी अस्पताल में आने वाले बीमार बच्चों की मौतें जारी है।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी इन बाल मौतों को व्यवस्था की असफलता मानती है तथा चिकित्सा सुविधाओं के अभाव व चिकित्सीय उपेक्षा व लापरवाही मानती है।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने एक 'पांच सदस्यीय जाँच समिति' का गठन किया है। सर्व श्री विन्देश्वरी पटेल, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, अजय सरावगी, हैदर खान एवम श्री प्रदीप पटेल इसके सदस्य होंगे। यह कमेटी अविलम्ब जाकर सभी सम्बन्धित पक्षों पीड़ितों प्रशासन व चिकित्सा अधिकारियों से बात कर निष्कर्षों को प्रेस में जारी करेगी। साथ ही आगे शासन स्तर पर व पार्टी स्तर पर क्या कदम उठाना चाहिए की सिफारिश भी करेगी।
खबरों की मानें तो 'जी मीडिया' ने भी अस्पताल का रियलिटी चेक किया तो उसे यहां कई कमियां मिली हैं। एक आंकड़े के अनुसार जिला अस्पताल शहडोल में पिछले 8 महीनों में 362 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह बात खुद अस्पताल के सीएमएचओ ने स्वीकार की है। हालांकि उनका कहना है कि इन बच्चों में उमरिया और अनूपपुर से रेफर होने वाले बच्चे भी शामिल हैं।
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