गाँधी जयंती पर लोसपा का एक दिवसीय उपवास - सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में 'फास्ट ट्रैक कोर्ट के द्वारा अपराधियों को 1 माह के अंदर सख्त सजा दिलाने और अपराधियों को सार्वजनिक रूप से सामूहिक फांसी देने की मांग: रघु ठाकुर
पीड़िता के परिवार को 50 लाख रुपया का मुआवजा तथा एक व्यक्ति को पुलिस में नौकरी दी जाए: रघु ठाकुर
भोपाल / लखनऊ: 2 अक्टूबर 2020 को प्रातः 9:00 बजे लोहिया सदन भोपाल में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर 'खादी की माला' पहनाकर एक दिवसीय उपवास शुरू किया।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के खिलाफ तथा पीड़ित परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए यह उपवास रखा गया था उपवास शुरू करते समय सभी ने सामूहिक रूप से बापू का प्रिय भजन- "वैष्णव जन तो तेने कहिए, पीर पराई जाने रे" का पाठ किया।
इस अवसर पर, रघु ठाकुर ने कहा कि, "बापू ने पूना पैक्ट के बाद बाबा साहब की शिकायत पर की हिंदू समाज अभी भी दलितों को अधिकार नहीं दे रहा' उपवास शुरू किया था और अपने जीवन को खतरे में डालकर हिंदू समाज के मन को बदल ने तथा जातिवाद और छुआछूत को मिटाने को प्रेरित किया था।"
रघु ठाकुर ने कहा कि, "यह दुखद है कि, बापू के उपवास के लगभग 90 साल के बाद भी समाज से जात-पात के भेद नहीं मिट सके और लगभग सभी प्रदेशों में कम या ज्यादा दलितों के साथ भेदभाव वा जुल्म की घटनाएं घट रही है। कोई भी सरकारें क्यों ना हो, लगभग सभी सरकारों और राज्यों में दलितों के उत्पीड़न व हिंसा, बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं।
आज हमारी चिंता समाज के इस कैंसर से है। हाथरस की घटना का कोई मुकाबला नहीं है, जहां सरेआम खेत में बलात्कार के बाद मार-मार कर हत्या कर दी गई।"
रघु ठाकुर ने कहा कि, "कुछ मित्रों ने यह कहने का प्रयास किया है कि, फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर बलात्कार नहीं हुआ। यह अविश्वसनीय है क्योंकि जब 8 दिन के बाद रपट लिखी गई और मेडिकल कराया गया तब क्या 8 दिन बाद तक बलात्कार के प्रमाण रह सकते हैं। कुछ लोगों ने यह भी तर्क दिया है कि, यह आपसी रंजिश का मामला है। मैं नहीं जानता कि, कोई आपसी रन्जिश थी और गांव के दलित इतने समर्थ हो सकते हैं। कुछ वीडियो भी डाले गये हैं। इन वीडियो की जांच होनी चाहिए। ये क्या वास्तव में सच है या बनाए गए हैं। एक तो पीड़िता के पास, जो अस्पताल में बेहोश भर्ती थी, वे कौन लोग हैं, जो इतने समर्थ हैं कि, जाकर उनका साक्षात्कार ले लेते ले लेते हैं। उन्हें अनुमति किसने दी?- दरअसल इन सब की जांच भी होना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।"
रघु ठाकुर ने कहा कि, "कुछ मित्रों ने मुझे यह भी कहा कि, एक जाति को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। मैं किसी जाति का नाम नहीं लेता हूँ।अपराधी व्यक्ति होता है, जाति या धर्म नहीं और इसलिए मैं जातिवाद की बहस में भी उलझना नहीं चाहता। मैं तो केवल उस बेटी की पीड़ा हत्या तथा उसके साथ हुए बलात्कार जैसे जघन्य अपराध तक ही अपनी बात सीमित रखना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि, ऐसे कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों और इसके लिए मैं सरकार से आज कुछ मांगे करना चाहता हूँ। वैसे तो योगी सरकार अगर अपना नैतिक दायित्व मानकर इस्तीफा दे तो यह उनकी नैतिकता होगी और राष्ट्रपिता बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी परंतु मैं जानता हूं कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और उसकी मांग करने को भी राजनैतिक विरोध करार देंगे। मैं सरकार से माँग करूंगा कि, "फास्ट ट्रैक कोर्ट के द्वारा अपराधियों को 1माह के अंदर सख्त सजा दिलाई जाए और अदालत से मांग की जाए कि, इन अपराधियों को सामूहिक सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाए ताकि भविष्य में अपराध करने वाले भयभीत हो सके।"
इसके साथ ही रघु ठाकुर ने सरकार से पीड़िता के परिवार को 50 लाख रुपया का मुआवजा तथा एक व्यक्ति को पुलिस में नौकरी देने और पीड़िता के दादा की उँगलियों को काटने वालों को गिरफ्तार करने की भी मांग की ताकि भय का वातावरण समाप्त हो।
रघु ठाकुर ने बताया कि, "श्रीमती स्मृति ईरानी जी ने कहा है कि, उन्हें बताया गया था कि, FIR तत्काल दर्ज की गई थी। मीडिया की रिपोर्ट भिंन्न है। मैं उन से अनुरोध करूंगा कि, FIR की प्रति सार्वजनिक रूप से प्रकाशित कराएं। अगर वह सही होंगी तो मैं उनसे माफी मांगूगा, पर अगर वह गलत हैं तो उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए और जिम्मेवार अधिकारियों को अक्षमता के कानून के अंतर्गत बर्खास्त करना चाहिए।"
रघु ठाकुर ने कहा कि, "02 अक्टूबर 2020 (शुक्रवार) को बापू के 150 वें जन्म दिवस समारोह का आखरी दिन है। वैसे तो हम सरकार से मांग करेंगे कि, जन्मदिवस समारोह की अवधि को 1 वर्ष और बढ़ाया जाए। साथ हीआज हम सब संकल्प लेते हैं तथा सभी को संकल्प लेना भी चाहिए कि, "हम बापू के सपनों का भारत जिसमें जात पात, धर्म," धन आदि के आधार पर कोई भेदभाव ना हो बनाने का संकल्प लेते हैं और हर उस कमजोर के साथ खड़े होंगे जिसे व्यवस्था से अधिकार और न्याय नहीं मिला।"
बहुत ही अल्प सूचना के आधार पर आयोजित इस उपवास में भोपाल में लोसपा नेता- राम शंकर पुरोहित, मदन जैन, डॉक्टर शिवा श्रीवास्तव, श्रीमती भगवती पुरोहित, धर्मेंद्र यादव तथा सागर से अपने परिजन के इलाज के लिए आए हुए साथी राम कुमार पचौरी ने भाग लिया।
श्री पचौरी जी, जो अपने परिजन के ईलाज के लिए भोपाल आये थे, ने तो अस्पताल के प्रांगण में ही उपवास किया। आज के उपवास में दिल्ली में इमाम खान, अरुण प्रताप सिंह, रईस अंसारी और उनकी बेटी, भिंड में श्याम सुंदर यादव, निसार कुरेशी, असगर खान, ग्वालियर में शम्भू दयाल बघेल, रूपेंद्र राणा, डबरा में धर्मेंद्र राणा व उनकी माता जी- श्रीमति आशा बाई, दिमनी में जयंत तोमर, बृज किशोर सिंह, चमन सिंह, खान साहब, रामनरेश रजक, बिलासपुर में रामकुमार तिवारी साहित्य कार, शिवपुर में संजीव राणा, नरसिंहपुर में श्रीमती गायत्री ठाकुर, नागपुर में नरेश निमजे, छिंदवाड़ा में अनूप सिंह और उनके साथी, लखनऊ में एस एन श्रीवास्तव, इंद्रप्रताप सिंह, श्री मति अर्चना सोनी, ललितपुर में राघवेंद्र सिंह, कीरत सेन, राघवेंद्र सिंह की माताजी कुमारी काजल सुहानी,प्रतिक्षा, अंशू परी, श्रीमति परम देवी, श्रीमती दुलारी, श्रीमती राजकुमारी, नन्हीं बेन, गायत्री मुखिया, अनीता देवी, गीता देवी, अहिल्या देवी, बड़ी संख्या में ग्रामीण जन, बण्डा में अंकित पांडे, सागर में महेश प्रकाश श्रीवास्तव, मोतिलाल पटेल, अखिलेश भार्गव, लालचन्द्र घोषी, कटनी में विन्देश्वरी पटेल, प्रदीप पटेल, ठाकुर राजेंद्र सिंह, शरमन सोनी आदि ने उपवास रखा।
सभी ने शाम चार बजे महात्मा गांधी जी की जय के नारों के साथ उपवास समाप्त किया।
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