व्यंग्य: ससुराल हेल्प लाइन!
विशेष में प्रस्तुत है, नवेन्दु उन्मेष की प्रस्तुति-
व्यंग्य:
इन दिनों खबर आ रही है कि, देश के कई इलाके में लोग घर में बैठे-बैठे पत्नी से लड़ रहे हैं। इसलिए देश के गृहस्थी मंत्रालय ने पति हित में एक निर्देश जारी किया कि पत्नी से लड़ो, मगर पत्नी वायरस के योद्धाओं से नहीं।
पत्नी की ढाल के लिए उनके मायके वालों को पत्नी योद्धा के रूप में तैनात किया गया है। जो भी पत्नी से लड़ेगा, उसे पत्नी वायरस योद्धाओं के द्वारा सबक सिखाया जायेगा। निर्देश में यह भी कहा गया है कि, पत्नी की करो देखभाल, देश हर हाल में जीतेगा पत्नी वायरस से। अगर पत्नी ज्यादा तंग करे तो ससुराल हेल्पलाइन पर संपर्क करें। वहां से दिये गये निर्देशों का पालन करें।
कई दिनों से बोतलदास भी अपनी पत्नी से लड़ रहा था। उसने ससुराल हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाया तो, उसे जवाब मिला- पत्नी से लड़ो, मगर पत्नी की ढ़ाल के लिए तैनात पत्नी वायरस के योद्धाओं जैसे साला, साली, साढू इत्यादि से नहीं। हेल्पलाइन नंबर पर दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए बोतलदास ने पत्नी से लड़ना बंद कर दिया। लेकिन पत्नी थी कि, मानती ही नहीं। वह उसे निकम्मा, बेरोजगार कहकर बारंबार चिढ़ा रहीं थी। बोतलदास की पत्नी ने उसे कई बार कहा कि, घर में बैठे रहने से अच्छा है, कुछ काम-धंधा ढूंढों, लेकिन उसके लिए मुसीबत यह थी कि, देश में पत्नी वायरस अपनी जड़े जमाये हुए था।
सोच रहा था कि, घर में रहो तो पत्नी का डर है और घर से निकलो तो पत्नी वायरस का खतरा है। दूसरों की पत्नियां घर से बाहर निकलते ही उस पर डोरे डालने लगती हैं। उसके पहनावा-ओढ़ावा से लेकर चाल-चलन पर टिप्पणी करती हैं।
जब वह उन्हें ऐसा करने से मना करता है तो, वे उसे भला-बुरा कहने लगती हैं। बोतलदास बहुत ही खूबसूरत आदमी है। उसे याद है कि, जब वह कालेज में पढ़ता था, तो लड़कियां उसे कहती थी- "तुम फिल्म अभिनेताओं की तरह दिखते हो। अगर बालीबुड चले जाओ तो तुम राजकपूर और देवानंद की तरह हिट हो सकते हो।" लेकिन उसकी कोई तमन्ना फिल्मी दुनिया में जाने की थी नहीं। यही सोच कर वह बालीवुड नहीं गया। पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगा। जब वह उस कंपनी में काम करने गया तो वहां भी लड़कियां उस पर डोरे डालने लगी। इसी बीच उसकी शादी भी हो गयी। लाकडाउन के दिनों में उसकी रही सही नौकरी भी चली गयी। इसके बाद वह घर पर ही रहने लगा। पत्नी से रोज उसका गृहयुद्ध छिड़ने लगा। घर घर न होकर कुरूक्षेत्र के मैदान में तब्दील हो गया।
एक दिन उसका पत्नी से झगड़ चल ही रहा था कि, पड़ोसी ने ससुराल हेल्प लाइन नंबर पर काल कर दिया। इसके बाद पत्नी के बचाव में योद्धा आ गये। उन्होंने उसे समझाया कि, तुम अगर पत्नी से लड़ोगे तो घरेलू हिंसा कानून के तहत तुम पर कार्रवाई हो सकती है। बोतलदास डर गया। लेकिन पत्नी वायरस के योद्धा भी कम नहीं थे। उन्होंने उसे कुछ दिनों के लिए घर के एक कमरे में उसे क्वारंटाइन होने का निर्देश दिया। बोले कमरे के अंदर चले जाओ। तुम्हें ससुराल प्रशासन के द्वारा पंद्रह दिनों तक मुफ्त राशन दिया जायेगा।
पति-पत्नी के बीच बोलचाल बंद रहेगी तो घर में शांति आ जायेगी। किसी तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए ससुराल हेल्प लाइन हमेशा खुली हुई है। जब चाहो काल करके अपनी समस्याओं को रख सकते हो। यह कहकर पत्नी वायरस के योद्धा चले गये। जाते हुए उन्होंने कहा कि, पत्नी की करो देखभाल, देश पत्नी वायरस से जरूर जीतेगा।
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