आईबीबीआई ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) नियम, 2017 में संशोधन किये: कारपोरेट कार्य मंत्रालय
नई-दिल्ली, 07 अगस्त 2020 (PIB): भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) (दूसरा संशोधन) नियम, 2020को आज अधिसूचित किया।
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 एक कॉर्पोरेट व्यक्ति को स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम बनाती है, यदि उसपर कोई ऋण नहीं है या वह परिसंपत्तियों की आय से अपने ऋण का पूरी तरह से भुगतान करने में सक्षम है। कॉरपोरेट व्यक्ति सदस्यों या भागीदारों, या योगदानकर्ताओं (मामले के अनुसार) के प्रस्तावके द्वारा स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया का संचालन करने के लिए एक दिवाला पेशेवर (इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल)नियुक्त कर सकता है। हालांकि, ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं, जिनमेंपरिसमापक (लिक्वीडेटर) के रूप में एक और प्रस्तावित पेशेवर की नियुक्ति की आवश्यकता हो सकती है। नियमों में आज किए गए संशोधन में यह प्रावधान है कि कॉरपोरेट व्यक्ति लिक्विडेटर के स्थान पर किसी अन्य दिवाला पेशेवर (इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल) को सदस्यों या साझेदारों या योगदानकर्ताओं (मामले के अनुसार) के एक प्रस्ताव के द्वारा लिक्विडेटर के रूप में नियुक्त कर सकता है।
संशोधित नियम आज से प्रभावी हैं। ये नियम www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर उपलब्ध हैं।
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