COVID-19: श्री चित्रा ने कोविड-19 परीक्षण के लिए दो प्रकार के स्वैब और वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम का किया विकास
नई दिल्ली (PIB): विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संस्थान श्री चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एससीटीआईएमएसटी) के प्रौद्योगिकीविदों ने कोविड-19 परीक्षण के लिए दो प्रकार के नासल और ओरल स्वैब (नाक और मुंह साफ करने में उपयोग होने वाले) तथा वायरल परिवहन माध्यम विकसित किए हैं।
एससीटीआईएमएसटी के प्रौद्योगिकीविदों डॉ. लिंडा वी थॉमस, डॉ. शाइनी वेलायुधम और डॉ. माया नंदकुमार द्वारा विकसित पॉलिमरिक फोम के सिरे वाली, रेशे से मुक्त लचीली चित्रा एम्बेड फ्लॉक्ड नायलॉन स्वैब्स (मल्लेली इंडस्ट्रीज प्राइवेट लि. के साथ मिलकर विकसित) और चित्रा एनमेश दोनों ने पर्याप्त नमूना संग्रह और तरल वायरल माध्यम में नमूने के त्वरित इल्यूशन (एक सॉल्वेंट से धोकर एक सामग्री को दूसरी से अलग करना) में अपनी क्षमता को साबित किया है। इन स्वैब और माध्यम के उपयोग से संग्रहित वायरल आरएनए में अच्छे सुधार की क्षमता है। ये स्वैब्स विसंक्रमित, उपयोग के लिए तैयार डिवाइस के रूप में उपलब्ध होंगे।
स्वैब को कामकाजी माहौल में दक्षता और सहजता लाने तथा मरीजों के लिए न्यूनतम असहजता के साथ नमूना संग्रह में सुधार में सहायता के लिए डिजाइन किया गया है। सुरक्षित और सुविधाजनक पैकिंग के दौरान नमूने के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों का न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित होता है।
दूसरी खोज चित्रा वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम विशेष रूप से संग्रह केन्द्र से प्रयोगशाला तक परिवहन के दौरान वायरस को सक्रिय बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में किट्स में 50 स्वैब के साथ 50 (3 मिली/वायल यानी शीशी) वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम की लागत अधिकतम 12,000 रुपये है।
दोनों स्वैब और वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम के लिए तत्काल विनिर्माण और बिक्री के लिए तकनीक दो कंपनियों- मल्लेलिल इंडस्ट्रीज, ओरिजिन डायग्नोस्टिक्स और लेवरैम लाइफ साइंसेस को हस्तांतरित कर दी गई है।
वर्तमान में नाक और गले के नमूनों के संग्रह के लिए विशेष रूप से डिजाइन स्वैब को ही वायरल जीन एम्प्लीफफिकेशन विधि के द्वारा सार्स- सीओवी2 का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो कोविड 19 की पुष्टि के लिए आवश्यक है। परीक्षण के लिए नमूने से वायरल आरएनए की अच्छी गुणवत्ता और मात्रा सुनिश्चित करने लिए उचित और पर्याप्त नमूना संग्रह तथा एक उपयुक्त तरल माध्यम में उनकी आपूर्ति अहम है, क्योंकि इससे परीक्षण की सटीकता प्रभावित होती है। रोग नियंत्रण और उन्मूलन केन्द्र (सीडीसी), अमेरिका प्लास्टिक के शाफ्ट के साथ सिंथेटिक फाइबर स्वैब और उपलब्ध होने पर फ्लॉक्ड स्वैब के उपयोग की सिफारिश करता है।
इन दोनों स्वैब को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से विकसित किया गया है, जिससे सामग्री के लिए आयात पर निर्भरता कम हो। इससे कम लागत के साथ भारी घरेलू मांग पूरी की जा सकती है।
(ज्यादा जानकारी के लिए सुश्री स्वप्ना वामादेवन, पीआरओ, एससीटीआईएमएसटी से संपर्क कर सकते हैं। मोबाइल : 9656815943, ईमेल : pro@sctimst.ac.in)
उपरोक्त जानकारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 02 मई शनिवार को जारी की गयी।
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