COVID-19: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा - 20 अप्रैल 2020 से कई क्षेत्रों में शर्तों के साथ अनुमति!
- बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक, चिकित्सा, नर्सिंग, पैरमेडिकल आदि शिक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश
- ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित और बृहद रूप दिया जाए, जिससे लाॅक डाउन के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े: मुख्यमंत्री
- स्वास्थ्य विभाग विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेन्सी सेवाओं के सञ्चालन की अनुमति दे
- कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के बिना इमरजेन्सी सेवाओं का सञ्चालन नहीं
- एम0बी0बी0एस0 तथा नर्सिंग कोर्स के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा सम्बन्धी कार्य सौपे जाँय
- 20 अप्रैल, 2020 से ऐसी औद्योगिक इकाइयां, जिनके टेक्निकल व अन्य कर्मचारी साइट पर उपलब्ध हैं, ऐसी इकाइयों को सोशल डिस्टैन्सिंग के पालन के साथ संचालित किए जाने की अनुमति दी जाए
- स्टाम्प एवं रजिस्ट्री का कार्य कुछ शर्तों के साथ प्रारम्भ किया जाए
- कार्यालयों में न्युनतम आवश्यक स्टाफ के द्वारा कार्य सम्पादन किया जाए
- दवा, मेंडिकल सुरक्षा, आटा मिल, दाल मिल, राइस मिल जैसी आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्री के निर्माण से जुड़े उद्यम को पूर्व में दी गयी अनुमति जारी रहेगी.
लखनऊ: 15 अप्रैल, 2020; उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा, नर्सिंग, पैरमेडिकल आदि की शिक्षा में ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित और बृहद रूप दिया जाए, जिससे लाॅक डाउन के कारण विद्यार्थि यों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अब तक 31,939 ई- कन्टेन्ट तैयार कर 2।29 लाख छात्रों को कनेक्ट किया है। अब तक 75,921 ऑनलाइन क्लासेज़ सम्पादित हुयी तथा 5,546 फैकेल्टी ने भाग लिया। प्रतिदिन औसतन 80,328 विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेज में सम्मिलित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो चुका है। 2,736 घण्टे का ई- कन्टेन्ट तैयार किया गया है। लगभग 9,000 शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग प्रक्रिया से जुड़े हैं। बी-टेक, एम0सी0ए0, एम0बी0ए0, बी0आर्क तथा बी0फार्मा के 2,06,305 विद्यार्थीगण ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आई0टी0आई0 के सभी 70 सेक्टर्स के समस्त कोर्स ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर 05 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न चिकित्सालयों में इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए। निजी मेडिकल काॅलेज तथा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाए। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन नहीं किया जाएगा। जिन चिकित्सा संस्थानों स्टाफ की संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध उपलब्ध होंगे और डॉक्टर्स सहित सभी चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित होंगे, वहीं इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन अनुमन्य होगा। उन्होंने कहा कि इमरजेन्सी सेवाओं के संचालन के लिए चिकित्सालयों को कोविड केयर अस्पताल तथा नाॅन कोविड केयर अस्पताल श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए। नाॅन कोविड केयर अस्पतालों शेष रोगों से सम्बन्धित इमरजेन्सी उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने निर्देश दिये कि एम0बी0बी0एस0 तथा नर्सिंग कोर्स के फाइनल ईयर के विद्यार्थि यों को ट्रेनिंग देकर चिकित्सा सम्बन्धी कार्य सौपे जाँय। जिससे कोविड अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार ने 20 अप्रैल 2020 से बड़ी निर्माण परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किए जाने की अनुमति कतिपय शर्तों के अधीन प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। इन परियोजनाओं में सड़क, एक्सप्रेस-वे, हाई-वे, मेडिकल काॅलेज का निर्माण तथा बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि ऐसी परियोजनाओं से जुड़े इन्जीनियरों तथा श्रमिकों की चिकित्सीय जांच कराकर सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन सुनिश्चित कराते हुए निर्माण कार्य की अनुमति दी जाए। इनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कार्यस्थल पर ही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दवा, मेडिकल सुरक्षा, आटा मिल, दाल मिल, राइस मिल जैसी आवश्यक वस्तुओं एवं सामग्री के निर्माण से जुड़े उद्यम को पूर्व में दी गई अनुमति जारी रहेगी। ईंट-भट्ठे यथावत चलते रहेंगे। चीनी मिल तथा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयां भी चलती रहेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 20 अप्रैल, 2020 से ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ, इन्टीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स में अर्थात चहारदीवारी के अन्दर स्थित हैं तथा उनके टेक्निकल व अन्य कर्मचारी साइट पर उपलब्ध हैं, ऐसी इकाइयों को सोशल डिस्टैन्सिंग के पालन के साथ संचालित किए जाने की अनुमति दी जाए।
कर्मचारियां तथा अधिकारियों को लाने हेतु विशेष बस लगायी जाएगी, जिसमें सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि बैंक यथावत बैंकिंग समय के अनुसार कार्यशील रहेंगे। उन्होंने कहा कि, स्टाम्प एवं रजिस्ट्री का कार्य कुछ शर्तों के साथ प्रारम्भ किया जाए। कार्यालयों में न्यूनतम आवश्यक स्टाफ के द्वारा कार्य सम्पादन किया जाएगा। सभी पेट्रोल पम्प, सी0एन0जी0, एल0पी0जी0 तथा पी0एन0जी0 के आउटलेट्स खोले जाएंगे। जिला प्रशासन एवं उनके अधीन कोषागार खोले जायेंगे। सभी मण्डियां तथा क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। पशु चिकित्सालय भी खोले जाँय।
इस अवसर पर मुख्य सचिव- आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त- आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त- आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह- अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त- संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक- हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा- डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य- अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव- मुख्यमंत्री- एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक- शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी की गयी है।
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