भारतीय रेलवे ने रेलवे प्रशासन और लोगों के बीच सूचना और सुझावों के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड कंट्रोल सेल खोला
138 और 139 के साथ-साथ सोशल मीडिया सेल द्वारा पूछताछ का जवाब देने, सहायता प्रदान करने (जहां संभव हो) और रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों के लिए प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया जाएगा
नई-दिल्ली: भारतीय रेलवे द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के प्रभाव को रोकने के अपने प्रयासों के हिस्से के रूप में, पूछताछ का जवाब देने, सहायता प्रदान करने और 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों के लिए प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के लिए 24-घंटे का हेल्पलाइन- 138 और 139 बनाया गया है। सुझावों को भी स्वीकार किया जाएगा।
139 के माध्यम से प्रदान की जाने वाली कॉल-सेंटर आधारित और आईवीआरएस सेवाओं के अलावा, 138 नंबर का उपयोग करने का विचार, भारतीय रेलवे द्वारा पूरे देश में अपने ग्राहकों की बड़ी संख्या तक अपनी सेवा को व्यापक पहुंच प्रदान करना है। यह भी स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में गैर-रेलवे से संबंधित प्रश्न, विशेष रूप से कोविड-19 से संबंधित, केवल स्थानीय भाषा की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों की ओर से आ सकते हैं। इसलिए मांगी गई जानकारी स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगी।
भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे प्रशासन और आम लोगों के बीच सूचना और सुझावों के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड कंट्रोल सेल खोला गया है। यह नियंत्रण कार्यालय 24 घंटे काम करेगा और एक निदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा संचालित होगा। यह केंद्रीकृत रेलवे हेल्पलाइन 139 और विकेंद्रीकृत रेलवे हेल्पलाइन 138 पर प्राप्त कॉलों की निगरानी करेगा, इसके अलावा सोशल मीडिया, विशेषकर ट्विटर पर रुझानों की निगरानी के अलावा, रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों द्वारा सामना की जाने वाली किसी भी कठिनाई में संचार करने और उस कठिनाई को कम करने के लिए समय पर कार्रवाई करने का काम करेगा। इसके अलावा, शिकायतों, सुझावों या प्रश्नों को railmadad@rb.railnet.gov.in पर भी भेजा जा सकता है।
वर्तमान समय में, जबकि 139 केंद्र के रूप में काम करना जारी रखेगा, 138 एक हेल्पलाइन नंबर है जो कॉल करने वाले को सीधे स्थानीय रेलवे डिवीजन तक लेकर जाएगा जिससे उसे स्थानीय और क्षेत्रीय जानकारी का अपडेट प्रदान किया जा सके। 138 और 139 दोनों के साथ-साथ सोशल मीडिया सेल द्वारा पूछताछ का जवाब देने, सहायता प्रदान करने (जहां संभव हो) और रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों को प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के लिए 24 घंटे काम किया जाएगा। सुझावों को भी स्वीकार किया जाएगा। हेल्पलाइन कर्मियों के पास रिफंड, राज्य/ जिला/ रेलवे चिकित्सा सुविधाओं और कोविड-19 का पता लगाने और सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय/ क्षेत्रीय/ राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबरों जैसे विषयों की अद्यतन जानकारी होगी।
भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे प्रशासन और लोगों के बीच सूचना और सुझावों के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड कंट्रोल सेल खोलने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) और रेल सेवक संघ के महामंत्री ने कहा कि, "जिस रेलवे में ट्वीट करने, DRM जबलपुर को मोबाइल पर शिकायत करने और कोच कंडक्टर द्वारा कण्ट्रोल को द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान में सैनिटेशन तक की व्यवस्या कहने पर भी न कर पाए, प्रधानमंत्री की अपील करने के उपरांत भी अपने ही रेल कर्मचारियों की मौत का सौदागर बन रहा हो, वह रेल कण्ट्रोल सेल में क्या करेगा, वह भगवन ही जानें। रेल मंत्रालय रेल का अब-तक कितना विकास किया है, यह तो जग जाहिर है।"
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस एन श्रीवास्तव ने बताया कि, यह कोरोना नहीं सकारोना है। हमने और हमारी पार्टी ने सरकार से सबको मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध कराने की मांग भी कर चुके हैं तथा रेलमंत्री तक को ट्वीट कर रेलवे द्वारा अपने ही कर्मचारियों के जान से खिलवाड़ न करने तथा प्रधानमंत्री के लॉक डाउन का अनुसरण करने की मांग कर चुके हैं परन्तु रेलवे प्रशासन लापरवाह और रेलमंत्री बेखबर हैं।
आएये देखते हैं, उपरोक्त दोनों वीडियो को और फैसला छोड़ते हैं आप पर_____
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