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विशेष: लखनऊ-मेट्रो कभी भी किसी बड़े दुर्घटना का शिकार हो सकती है: एस. एन. श्रीवास्तव, पूर्व रेलवे इंजीनियर व प्रदेश अध्यक्ष(उ•प्र•)-लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी
> "लखनऊ मेट्रो" का सञ्चालन "असुरक्षित और खतरनाक"!!!
> 'लखनऊ मेट्रो' को एक स्टेशन से दुसरे स्टेशन तक पहुँचाने में लगभग डेढ़ मिनट का समय लगता है!
> "मेट्रो-ट्रेन" स्टेशन पर 2 से 03 मिनट पहले कैसे पहुँच सकती है?-
[एस.एन.श्रीवास्तव (पूर्व रेलवे इंजीनियर), प्रदेश अध्यक्ष (उ.प्र.)/लोसपा & प्रत्याशी- विधानसभा-175, लखनऊ कैंट)]
आज "विशेष" में प्रस्तुत है- "लखनऊ मेट्रो" कितनी सुरक्षित:
लखनऊ: 'लखनऊ मेट्रो' को एक स्टेशन से दुसरे स्टेशन तक पहुँचाने में लगभग डेढ़ मिनट का समय लगता है तथा रेलवे सञ्चालन में ट्रेनों के प्रस्थान समय से पहले प्रस्थान करने का नियम नहीं है।
उपरोक्त स्थिति में 'मेट्रो-ट्रेन' स्टेशन पर 2 से 03 मिनट पहले कैसे पहुँच सकती है?- यह स्थिति असंभव है और कहीं न कहीं बड़ी खामियों की तरफ इशारा करती है, जिसे अविलम्ब ठीक नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
पूर्व रेलवे इंजीनियर व प्रदेश अध्यक्ष/ लोसपा- एस. एन. श्रीवास्तव ने हमारे संवाददाता को फोटो दिखाते हुए बताया कि, "आप फोटो में देख सकते हैं कि, "लखनऊ मेट्रो रेल" प्लेटफॉर्म पर 2 मिनट पहले आकर खड़ी है"।
"डिस्प्ले बोर्ड पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मेट्रो ट्रेन के आने में अभी 2 मिनट का समय शेष है, जबकि ट्रेन 2 मिनट पहले प्लेटफॉर्म पर आकर खड़ी है।"
(लखनऊ-मेेेट्रो प्लेटफॉर्म पर निर्धारित स्थान से हटकर रुक रही है।)
पूर्व रेलवे इंजीनियर व प्रदेश अध्यक्ष/ लोसपा- एस. एन. श्रीवास्तव ने बताया कि, "दूसरी खतरनाक बात लखनऊ मेट्रो के सञ्चालन में यह है कि, स्थाई कर्मचारी/ कुशल मेट्रो रेल के पायलट नहीं होने के कारण मेट्रो ट्रेन प्लेटफॉर्म्स पर चिन्हित स्थान पर रुकने के स्थान पर नहीं रुक रही है, बल्कि चिन्हित स्थान से हटकर रुक रही है, जिससे कभी भी मेट्रो रेल के यात्री दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं, जैसा कि, उपरोक्त फोटो से स्पष्ट है।"
उपरोक्त बातें रेलवे के पूर्व इंजीनियर तथा दो बार लखनऊ कैंट विधान सभा क्षेत्र -175 से विधान-सभा का चुनाव लड़ चुके और आगामी विधानसभा चुनाव- 2022 की लखनऊ कैंट विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुटे लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष - एस. एन. श्रीवास्तव ने बताया।
लखनऊ-मेेेट्रो के प्लेटफार्म पर मेेेट्रो-ट्रेन के आने के समय को बतानेे वाला Display Board खराब
एस. एन. श्रीवास्तव का कहना है कि, "लखनऊ मेट्रो के निर्माण और स्वचालित सीढ़ियों व लिफ्ट से लेकर मेट्रो-ट्रेन की खरीद-फरोख्त में भी भारी घोटाला नजर आता है क्योंकि आये दिन लखनऊ मेट्रो में डिस्प्ले बोर्ड काम नहीं करते, स्वचालित सीढ़ियों व लिफ्ट से लेकर मेट्रो-ट्रेनों में तकनिकी दिक्कतों के कारण अवरोध पैदा होता है और सञ्चालन भी बाधित होता है जिसकी जांच कराकर दोषियों को दण्डित करना आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी खरीद-फरोख्त और विनिर्माण में कोई भी अधिकारी या मंत्री 'गुड़वत्ता' को नजरअंदाज न कर सके।"
उन्होंने कई ट्वीट भी रेलमंत्री तक को किये परन्तु सभी निरंकुश और लापरवाह नजर आ रहे हैं। उन्होंने कई फोटो भी स्वतंत्रभारत न्यूज़ के साथ शेयर किया।
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