लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के चिंतन शिविर का पहला दिन: रोजगार,फिजूलखर्ची और महिला नीति पर हुआ चिंतन
कटनी (म•प्र•): लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी का दो दिवसीय चिंतन शिविर सोमवार को संत नगर,नई बस्ती स्थित सरावगी सदन में शुरू हुआ।
पहले दिन सत्र की शुरुआत मैं सरकारी फिजूलखर्ची और विलासिता पर रोक, चुनाव सुधार,महिला नीति, भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का हमला,महिला हिंसा, बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर रोक, रोजगार का मूल अधिकार व बेकारी भत्ता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चिंतन हुआ।
सरावगी सदन में प्रथम सत्र की शुरुआत लोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू दयाल बघेल के द्वारा ध्वजारोहण कर की गई। इसके बाद लोसपा प्रदेश अध्यक्ष एवं आयोजन समिति संयोजक विंदेश्वरी पटेल ने प्रस्तावना तथा स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के स्वागत अध्यक्ष, समाजसेवी अजय सरावगी ने स्वागत भाषण दिया।
----विदेशी कंपनियों पर लगे रोक
चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए लोसपा के राष्ट्रीय संयोजक रघु ठाकुर ने कहा कि देश में सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्रों में फिजूलखर्ची एवं विलासिता पर रोक लगाई जानी चाहिए।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की राय में समतामूलक समाज बनाने के लिए पिछड़े लोगों को विशेष अवसर देने चाहिए। पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को हमारी पार्टी अनिवार्य मानती है। श्री ठाकुर ने कहा कि भारत जैसे गरीब देश का लगभग 150 करोड़ रुपए चंद विशेष व्यक्तियों की सुरक्षा के ऊपर खर्च हो रहा है। इस सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आम आदमी के लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकार समाप्त हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, "उपभोक्ता क्षेत्र में विदेशी एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर रोक लगाई जानी चाहिए तथा पेप्सी, कोका कोला,मेगी, पीजा को तत्काल देश से बाहर करना चाहिए। बुनियादी क्षेत्र में विदेशी पूंजी नहीं लगानी चाहिए बल्कि जहां तकनीक या भारी पूंजी की आवश्यकता हो वहां विदेशी पूंजी को मंजूरी देना चाहिए।"
----रोजगार को बनाएं मूल अधिकार
राष्ट्रीय संयोजक रघु ठाकुर ने कहा कि, "संविधान में संशोधन कर रोजगार को मूल अधिकार बनाए जाना चाहिए तथा जब तक 18 वर्ष के व्यक्ति को कोई रोजगार ना मिले तब तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाना चाहिए।"
---- बिंदेश्वरी को बताया संघर्षशील
लोसपा के राष्ट्रीय संयोजक रघु ठाकुर ने कहा कि, "संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटे। बिंदेश्वरी पटेल को ही देख ले। उन्होंने उसूलों से कभी भी समझौता नहीं किया। संघर्ष से पीछे नहीं हटे।श्री ठाकुर ने महिलाओं को हर क्षेत्र में नाम रोशन करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि आज महिला दुर्बल नहीं है। वह हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है।
---जब भावुक हो गए बिंदेश्वरी पटेल
चिंतन शिविर में अपना उद्बोधन देते हुए लोसपा प्रदेश अध्यक्ष विंदेश्वरी पटेल इतने भावुक हो गए की उद्बोधन के दौरान आंख से आंसू छलके और गला बैठ गया। रघु ठाकुर ने उनकी पीठ थपथपाई।
-----इन्होंने दिया संबोधन
चिंतन शिविर में वक्ताओं ने समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही कई सुझाव दिए।
भोपाल से डॉक्टर शिवा श्रीवास्तव ने महिलाओं पर विचार रखते हुए कहा कि आज पुरुष को 300 रुपएऔर महिला को 150 रुपए मजदूरी मिलती है।यह अंतर क्यों। महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जाने की उन्होंने बात रखी।
शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू दयाल बघेल, गुजरात से आए समाजवादी गंगाधर आर रावल, निर्देशक काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट नई दिल्ली- डॉ• अशोक पंकज, डॉ• सीमा, जयंत तोमर ने भी अपना संबोधन दिया।
इसके अलावा द्वितीय सत्र में साहित्य समाजवाद पर मुकेश वर्मा ने अपना संबोधन दिया। नागपुर से पहुंचे डॉक्टर ओम प्रकाश मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव- राघवेन्द्र सिंह, उत्तर प्रदेश लोसपा अध्यक्ष- एस• एन• श्रीवास्तव, युवजन सभा अध्यक्ष धर्मेंद्र श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ लोसपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक पंडा ने भी अपना उद्बोधन दिया।
तृतीय सत्र में हम क्या करें विषय पर डॉक्टर जगदीश प्रसाद ने अपने विचार रखे। अनूप कुमार सिंह ने समाजवादी आंदोलन में लोसपा की भूमिका पर अपने विचार रखें। इसके अलावा राष्ट्रीय सचिव- राजेंद्र वर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष लोसपा- रोहतास, कार्यालय प्रभारी लोसपा भोपाल- राम शंकर पुरोहित, लोसपा महासचिव- निसार कुरेशी, बिहार से आए श्याम नंदन ठाकुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- श्याम सुंदर यादव, धर्मेंद्र राणा ने भी अपने विचार रखे।
अंत में सभा संचालक तेज नारायण राय बलिया ने अपनी बात रखी और इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों से भी समाजवादी साथी पहुंचे।
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