एटीएम से नहीं मिलेंगे दो हजार के नोट!
मुंबई: बिजनेस स्टैण्डर्ड द्वारा जारी खबरों में बताया गया है कि, बैंकिंग प्रणाली से 2000 रुपये के नोट वापस लेने के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसके लिए देश के 2.40 लाख ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) में आवश्यक बदलाव हो रहा है। इन एटीएम में 2ए000 रुपये की जगह 500 रुपये के नोट डालने के लिए यह तकनीकी फेरबदल किया जा रहा है। एटीएम के चार खानों (कैसेट) में से तीन में 500 रुपये के नोट भरे जाएंगे और चौथे खाने में 100 और 200 रुपये के नोट होंगे। कई एटीएम में 2ए000 रुपये के नोट वाले कैसेट पहले ही बदले जा चुके हैं। बैंक अब पहले की तरह एटीएम में 2,000 रुपये के नोट नहीं डाल रहे हैं और इन्हें धीरे-धीरे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लौटाया जा रहा है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष में 2017 में बैंकिंग प्रणाली में कुल नोटों में 2,000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 50;2 प्रतिशत थी, लेकिन 2019 में 500 रुपये के नोट की मात्रा बढ़ गई और यह 51 प्रतिशत हो गई। बैंक, एटीएम लगाने वाली और कैश लॉजिस्टिक फर्म (सीएलएफ) के कई सूत्रों ने बताया कि ये बदलाव धीरे-धीरे हो रहे हैं, इसलिए उपभोक्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। सीएलएफ के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, "2000 रुपये के नोट को बंद करने जैसी कोई बात नहीं है, बस इन्हें धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। इन दिनों 500 रुपये के नोट अधिक दिख रहे हैं।" बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में तत्काल नकदी डालने के लिए 2,000 रुपये के नोट लाए गए थे। एटीएम में आवश्यक बदलाव की रफ्तार इंजीनियरों और उन्हें एक एटीएम से दूसरे एटीएम तक पहुंचने में लगने वाले समय पर निर्भर करेगा। एक एटीएम दुरुस्त करने में तकरीबन 30 मिनट लगते हैं।
एटीएम के परिचालन में बदलाव का तत्काल परिणाम यह होगा कि बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम (गैर-बैंकिंग) इकाई द्वारा नियंत्रित एवं संचालित एटीएम लगाने वाले अदला-बदली (इस समय प्रत्येक अदला-बदली पर 15 रुपये लगते हैं) के जरिये अधिक कमाई करेंगे। 2,000 रुपये के नोट हटाए जाने से ग्राहकों को बार-बार रकम निकालनी पड़ सकती है। हालांकि बताया गया है कि ग्राहक औसतन एक बार में ३,600 रुपये की निकासी करते हैं और एक बार में 10,000 रुपये तक की निकासी अपवाद होता था। सूत्रों के अनुसार इन एटीएम में नकदी डालने में आने वाला खर्च जरूर बढ़ जाएगा क्योंकि नोट ले जाने वाली गाडिय़ों को अधिक चक्कर लगाने होंगे।
आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव सुभाष गर्ग ने नवंबर 2019 में कहा था कि 2,000 रुपये के नोट एक बड़ा हिस्सा चलन में नहीं था। लिहाजा मुद्रा लेनदेन के तौर पर 2,000 रुपये का नोट काम नहीं कर रहा है। गर्ग ने कहा था कि बैंकिंग प्रणाली से ये नोट निकालने से किसी तरह की नकदी समस्या पैदा नहीं होगी।
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