हर घर जल का संदेश देती *जल जीवन मिशन की झांकी* को सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार
नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय की शानदार झांकी, जिसमें भारत सरकार की नई पहल ‘जल जीवन मिशन’ को सुंदरता से प्रदर्शित किया गया है, को एनडीआरएफ की झांकी के साथ संयुक्त रूप में सर्वश्रेष्ठ झांकी चुना गया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां एक भव्य कार्यक्रम में ‘जल जीवन मिशन’ की इस झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में पुरस्कृत किया। इस अनोखी झांकी में प्रधानमंत्री के ‘हर घर जल’ के विज़न को दर्शाया गया है । यह झांकी इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड में आकर्षण का केंद्र रही। जिसका विषय वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराना है।
पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जल जीवन मिशन’ प्रारंभ किए जाने की घोषणा की थी। इसके अन्तर्गत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित आधार पर, निर्धारित गुणवत्ता का तथा पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य जल उपलब्ध कराना है। वर्तमान में, देश के लगभग 17.8 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.3 करोड़ परिवारों के पास ही नल जल कनेक्शन की सुविधा है। अत: जेजेएम के अंतर्गत, वर्ष 2024 तक शेष लगभग 14.6 करोड़ परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है।
विजेता झांकी का मिशन की परिकल्पना का जीवंत स्वरूप था। सामने का डिजाइन एक विशाल पीतल के नल और एक धात्विक घड़े के रूप में था जो कि छोटे-छोटे धात्विक घड़ों से बना हुआ था। यह लाखों ग्रामीण घरों का प्रतिनिधित्व करता है। मध्य भाग में यह दर्शाया गया था कि नए भारत में कैसे एक ग्रामीण परिवार जेजेएम के तहत लाभ प्राप्त करता करेगा। एक परिवार को बहते हुए जल की सुविधा (रसोई घर, शौचालय, कपड़े, बर्तन धोने के क्षेत्र में), ग्रे-वाटर सोकपिट् में बहता हुआ, इज्जत घर (शौचालय) के साथ दर्शाया गया था। एक सामान्य ग्रामीण परिवार को बेहतर जीवन शैली के साथ अपने दैनिक कार्यों को करते हुए दर्शाया गया था, जो कि जल जीवन मिशन से संभव हो सकेगा। झांकी के पिछले भाग में जल संरक्षण को एक ऐसे मॉडल के रूप में दर्शाया गया था जो जल की एक विशाल बूंद को एकत्रित करते हुए दो हथेलियों की भांति प्रतीत हो रहा था, जो वर्षा जल संचयन तथा जल संरक्षण के लिए किए गए सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है। जेजेएम को एक जन आंदोलन बनाने के प्रतीक स्वरूप विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के नीले रंग के जल बूंद वाले सांस्कृतिक परिधानों से सुसज्जित कलाकारों को साथ चलते हुए दर्शाया गया था।
कुल मिलाकर, यह झांकी सभी ग्रामीण समुदायों को जल संरक्षण तथा गुणवत्तापूर्ण जल की पहुंच उपलब्ध कराने के लिए साथ मिलकर कार्य करने के प्रधानमंत्री के विज़न और संकल्प का द्योतक है ताकि जल को साझी प्रतिबद्धता बनाया जा सके तथा इसे ‘’प्रत्येक जन का सरोकार‘’ बनाया जा सके। प्रधानमंत्री के शब्दों में, ‘’दीर्घकालिक पेयजल सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है कि स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें आगे आएं तथा इन-विलेज जल आपूर्ति प्रणालियों तथा अपने जल संसाधनों को प्रबंधित करने की जिम्मेदारी लें। ग्रे-वाटर का पुनर्उपयोग हो। इस मिशन के तहत किए जा रहे कार्य में समुदाय अपनत्व के भाव से सहयोग करे।"
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