देविंदर सिंह: अफ़ज़ल गुरु और चरमपंथियों से क्या था कनेक्शन ?-
श्री नगर: कश्मीर के पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह रैना पर चरमपंथियों की मदद करने का आरोप लगा है और फिलहाल वो पुलिस हिरासत में हैं।
57 साल के देविंदर सिंह 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ चलाए गए अभियान के दौरान प्रमुख पुलिसकर्मियों में रहे हैं।
देविंदर सिंह भारत प्रशासित कश्मीर के त्राल इलाक़े के रहने वाले हैं जिसे चरमपंथियों का गढ़ कहा जाता है। कश्मीर में मौजूदा चरमपंथ का चेहरा रहे शीर्ष चरमपंथी कमांडर बुरहान वानी का भी संबंध त्राल से था।
डीएसपी देविंदर सिंह के कई सहकर्मियों ने बीबीसी को बताया कि वो गैरक़ानूनी गतिविधियों (जैसे बेकसूर लोगों को गिरफ्तार कर उनसे मोटी रकम लेकर रिहा करना) में शामिल रहे हैं लेकिन हर बार वो नाटकीय ढंग से इन सब आरोपों से बरी हो जाते थे।
एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि देविंदर सिंह ने 1990 के दशक में एक शख़्स को भारी मात्रा में अफीम के साथ गिरफ़्तार किया था लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया और अफीम बेच दी। उस मामले में भी उनके ख़िलाफ़ जांच शुरू हुई लेकिन जल्द ही इसे बंद कर दिया गया।
1990 के दशक की शुरुआत में ही देविंदर सिंह की नज़र हवालात में बंद अफ़ज़ल गुरु पर पड़ी थी। उन्होंने उसे अपना मुखबिर बनाने की कोशिश भी की। अफ़ज़ल गुरु को संसद पर हुए हमले के मामले में 9 फरवरी 2013 को फांसी हुई थी।
ये हमला चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया था। इसी साल कथित तौर पर अफ़ज़ल गुरु का लिखा एक पत्र सामने आया था जो मीडिया में काफ़ी छाया रहा। पत्र में लिखा था कि वो जेल से रिहा भी हो गए तो देविंदर सिंह उन्हें सताएंगे।
घर से ए के 47 और गाड़ी से ग्रेनेड मिले
पत्र में दावा किया गया था, "देविन्द्र सिंह ने मुझे विदेशी चरमपंथियों को दिल्ली ले जाने, उन्हें किराए पर घर और कार दिलाने के लिए मजबूर किया।"
श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज से स्नातक करने वाले देविंदर सिंह साल 1990 में बतौर सब इस्पेक्टर कश्मीर पुलिस में भर्ती हुए। ये वही दौर था जब कश्मीर में भारतीय शासन के ख़िलाफ़ चरमपंथियों ने हथियार उठाना शुरू कर दिया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब चरमपंथ से निपटने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का गठन किया गया तो देविंदर सिंह को समय से पहले प्रमोशन देकर उसमें शामिल किया गया।
पत्र में दावा किया गया कि बतौर इंस्पेक्टर उन्होंने अफ़ज़ल गुरु को ढाल बनाया और संसद पर हमले के लिए एक चरमपंथी की मदद के लिए मजबूर किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बात की सूचना मिली थी कि देविंदर सिंह चरमपंथियों की मदद कर रहे हैं और लंबे समय से उन पर नज़र रखी जा रही थी।
शनिवार को उन्हें हिज़बुल मुजाहिदीन के दो चरमपंथियों सैयद नावीद और आसिफ़ के साथ गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे जम्मू जा रहे थे। उन्होंने कहा, "हमने एयरपोर्ट पर भी सख्ती बढ़ा दी थी क्योंकि हमें अंदेशा था कि वो फ्लाइट पकड़ सकते हैं।"
देविंदर सिंह के घर हुई छापेमारी के दौरान दो एके।47 मिली हैं। बल्कि जिस कार में वो सवार थे उसमें से पांच ग्रेनेड बरामद किए गए हैं।
(साभार- बीबीसी)
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