नागरिकता संसोधन ऐक्ट के विरुद्ध आंदोलन: आज देश को एक जे पी ऐसे नेतृत्व की जरूरत है: एस एन श्रीवास्तव, लोसपा
लखनऊ: नागरिकता संसोधन ऐक्ट के विरुद्ध चल रहे छात्र आंदोलन और राजनीत पर लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ प्र) तथा लोसपा के टिकट पर लखनऊ कैंट विधानसभा से चुनाव लड़े- मजदूर नेता - एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि, "आज देश को बेरोजगारी, अराजकता और अनिश्चय के दौर से बाहर निकालना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए नागरिकता संसोधन ऐक्ट का विरोध और आंदोलन आवश्यक है परन्तु यह विरोध और आंदोलन हिंसात्मक नहीं बल्कि शांतिपूर्ण होना आवश्यक है।"
उन्होंने कहा कि, "नागरिकता संसोधन ऐक्ट के विरुद्ध चल रहे छात्र आंदोलन और राजनीत को शांति पूर्वक सही दिशा में ले जाने के लिए देश को आज जे पी ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है क्योंकि किसी बड़े उद्देश्य की प्राप्ति और भारत के संविधान और स्वाभिमान की रक्षा हिंसा से किसी भी कीमत पर हासिल नहीं की जा सकती है और न ही गोली और इंटरनेट बंद करके भारत के सम्मानित नागरिकों की आवाज को बंद कराया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि, "नागरिकता संसोधन ऐक्ट ने देश की सो रही छात्र आंदोलन और भ्रमित राजनीत को 'आक्सीजन' देने के काम किया है परन्तु आवश्यकता है इसे शांतिपूर्वक सही दिशा में ले जाने तथा देश को स्वदेशी और रोजगार पर आधरित विकाशशील देश बनाने की और साथ ही अखंड भारत के सपने को साकार बनाने की।"
उन्होंने कहा कि, "प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक तथा आज के राजनैतिक पैगम्बर - रघु ठाकुर पिछले कई वर्षों से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, जय प्रकाश और डॉक्टर लोहिया के सपनों का भारत बनाने, देश को सही राजनैतिक दिशा देने और "भारत-पाकिस्तान महासंघ" बनाने के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के सपनों को साकार करने में लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता - लालकृष्ण आडवाणी ने भी भाजपा की एक प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन भाषण में डा लोहिया के "भारत-पकिस्तान महासंघ" बनाने की संभावना की बात उठाई थी।"
उन्होंने कहा कि, "आज आपसी सौहार्द बढ़ाने और दोनों राष्ट्रों को स्वदेशी और हर हाथ को काम देने वाला विकसित राष्ट्र बनाने के लिए "भारत-पकिस्तान महासंघ" बनाना आवश्यक हो गया है।"
एस एन श्रीवास्तव (लोसपा) ने कहा कि, "इस आंदोलन में छात्रों की बड़ी भूमिका होने के कारण अब ऐसा लगने लगा है कि, "नागरिकता संशोधन विधेयक/ ऐक्ट" के विरोध के बहाने छात्र राजनीत और देश की राजनीत का पुराना दौर फिर सुरु हो गया है।
इसलिए हमें लगता है कि, "आज हमें ही नहीं, पूरे राष्ट्र को, "सम्पूर्ण क्रांति का नारा देने वाले तथा 1974 के आंदोलन के नेतृत्वकर्ता- लोकनायक जय प्रकाश नारायण" ऐसे ही एक "जे.पी." की आवश्यकता है।"
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