उपराष्ट्रपति ने 'फिट इंडिया' को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया: उप राष्ट्रपति सचिवालय
लोगों को स्वस्थ्य रहने के लिए खेल अथवा योग करने की सलाह दी उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों से कहा. लोगों को अपनी गतिहीन जीवन शैली को बदलने की आवश्यकता के प्रति शिक्षित करें अल्पपोषित बच्चों की 5000 हदय शल्यचिकित्सा के सफल समापन पर हदय फॉउडेशन के कार्यक्रम को किया संबोधित चिकित्सकों से सस्ती जेनेरिक दवाई लिखने और इन्हें बढ़ावा देने का आग्रह किया।
नई-दिल्ली: उपराष्ट्रपति सचिवालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने लोगों से स्वस्थ और फिट रहने के लिए खेल अथवा योग को एक आदत के रूप में अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि एक गतिहीन जीवन शैली, शारीरिक गतिविधि में कमी और अस्वास्थ्यकर आहार के कारण ही गैर-संचारी रोग जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी अन्य बीमारियां जन्म ले रही हैं।
अल्पपोषित बच्चों की 5000 हदय शल्यचिकित्सा के सफल समापन के अवसर पर हैदराबाद के हदय क्योर ए लिटिल हार्ट फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की कि दुनिया में हृदयघात के रोगियों में से लगभग 40 प्रतिशत भारत से हैं और इनके कारण होने वाली मृत्यु का एक चौथाई हदय रोगों के कारण होता है।
उन्होंने सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों से आग्रह किया कि वे गतिहीन जीवन शैली को बदलने के बारे में लोगों को शिक्षित करने को प्रधानता दें और दिल की बीमारियों की संभावना को कम करने के लिए लोगों को शारीरिक गतिविधियों जैसे जॉगिंग, साइकिल चलाना और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें।
श्री नायडू ने पारंपरिक खाद्य पदार्थों को पुन: जीवन में लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया जो हमारी शारीरिक और जलवायु आवश्यकताओं के अनुकूल थे। उन्होंने कहा कि मातृ प्रकृति से दूर रहकर, लोग शरीर और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं, प्रकृति से प्यार करना, प्रकृति के साथ रहना ही बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करता है।
संपूर्ण जनसंख्या के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति समग्र रूप से विचार करने की शीघ्र आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए ‘फिट इंडिया आंदोलन’ में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।
उन्होंने अस्पतालों, विद्यालयों, समाज और समुदाय में इस आंदोलन को लोकप्रिय बनाने और इसे एक जन आंदोलन में बदलने की आवश्यकता पर बल दिया।
गैर-संचारी और अन्य रोगों से निपटने के लिए सस्ती चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रारंभ आयुष्मान भारत योजना विभिन्न ऐसी बीमारियों, जो उच्च लागत के कारण पहुंच से बाहर थीं, उनसे ग्रस्त नागरिक अब इस योजना के के माध्यम से इलाज करा रहे है और यह योजना देश की भलाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उपराष्ट्रपति ने देशभर में पांच हजार से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना केन्द्रों की स्थापना के लिए सरकार की सराहना की जो सस्ती दरों पर सभी दवाईयाँ उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों और लोगों से सस्ती जेनेरिक दवाईयों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में हृदय फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी, श्रीयुगांधर मेका, ट्रस्टी, डॉ. गोपीचंद मन्नम और फाउंडेशन के श्री जयराज कुमार पेनुकोंडा भी शामिल थे।
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