मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षक सम्मान समारोह में 49 प्राथमिक शिक्षकों को सम्मानित किया
शिक्षक अपने आचरण और कार्य पद्धति से भारत की गुरुकुल परम्परा को अपनाते हुए समाज, देश व दुनिया को एक नई राह दिखा सकते हैं.
मुख्यमंत्री- योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने समाज, प्रदेश व देश के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षकगण उत्कृष्ट शिक्षा एवं जनसहभागिता के आधार पर कार्य करते हुए शिक्षा को व्यापक परिवर्तन का कारक बनाएं, जिससे वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को भविष्य उज्ज्वल हो सके। शिक्षक जनहित की योजनाओं और देश-दुनिया में घट रही घटनाओं व गतिविधियों से निरन्तर अवगत रहें। इससे वे समाज व बच्चों में जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक का सम्बन्ध किसी बच्चे से परिवार के सदस्यों के बाद सबसे पहले जुड़ता है। ऐसे में प्राथमिक शिक्षक का समाज के प्रति योगदान का दायित्व बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर "शिक्षक सम्मान समारोह" एवं ष्प्रे "प्रेरणा एप" व "मानव सम्पदा पोर्टल" के लोकार्पण अवसर पर विभिन्न जनपदों से आए प्राथमिक शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर पूरे प्रदेश से चयनित 49 प्राथमिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया। प्रत्येक शिक्षक को 25 हजार रुपए की धनराशि, माँ सरस्वती की प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सम्मानित शिक्षकों की संख्या अगले वर्ष 75 किए जाने के प्रयास हों, जिससे प्रत्येक जनपद से एक उत्कृष्ट शिक्षक का चयन किया जा सके। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति, प्रख्यात दार्शनिक एवं शिक्षाविद् डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा में सुधार के दृष्टिगत केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद को "दीक्षा चैम्पियन अवार्ड" से सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा मात्र अक्षर या पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि जीवन की चुनौतियों से जूझने के लिए व्यक्ति को तैयार करे। यह सकारात्मक व्यवस्था परिवर्तन और समग्र विकास को सुनिश्चित करे। शिक्षकों को इसका विचार करते हुए अपनी कार्य पद्धति और संस्कृति में बदलाव लाना होगा। जो शिक्षक जिस स्कूल से सम्बद्ध है, उसे वह आदर्श शिक्षण संस्था के रूप में विकसित करने का कार्य करे। इसमें सामाजिक सहयोग व जनसहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शिक्षक यह भी सुनिश्चित करने में अपना योगदान दें कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे। अपने आचरण और कार्य पद्धति से शिक्षक भारत की गुरुकुल परम्परा को अपनाते हुए समाज, देश व दुनिया को एक नई राह दिखा सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने "प्रेरणा एप" से सभी शिक्षकों को जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनकी सेवा एवं अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई है, जिससे कार्यों में पारदर्शिता आए और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे। इस एप के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन दिखाई देगा। यह एप बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इसके अलावा, "मानव सम्पदा पोर्टल" भी विकसित किया गया है, जिससे शिक्षकों की सेवा एवं अधिष्ठान सम्बन्धी कार्य त्वरित एवं पारदर्शी ढंग से सम्पादित होते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने पिछले ढाई वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा में बच्चों की संख्या बढ़कर 01 करोड़ 80 लाख हो गई है। प्रदेश के लगभग 05 लाख 75 हजार शिक्षकों द्वारा "आपरेशन कायाकल्प" के अन्तर्गत कार्यों का कुशलतापूर्वक संचालन तथा विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक, जूता-मोजा, यूनीफार्म, स्वेटर आदि के सफलतापूर्वक वितरण से परिषदीय विद्यालयों का नामांकन बढ़ा है। बच्चे नामांकन हेतु प्राइवेट विद्यालयों से परिषदीय विद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर सुधार हुआ है। यह उपलब्धि शिक्षकों के सहयोग से ही सम्भव हुई है। शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी ढंग से की गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उनकी सुविधाओं को बढ़ाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने तकनीक को समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। शिक्षकों को भी आधुनिक तकनीक से लैस होना चाहिए। आज देश में उत्तर प्रदेश के प्रति परसेप्शन बदला है। इससे प्रदेश की 23 करोड़ जनता का सम्मान बढ़ा है।
उन्होंने जनपद, मण्डल और विकासखण्ड स्तरों पर सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों को टीम भावना के साथ समन्वय बनाते हुए कार्य किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे भविष्य में देश में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने सफल सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि ज्ञानार्जन और नई बातों को सीखना जीवन में निरन्तर बनाए रखना चाहिए।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 सतीश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में बेसिक शिक्षा व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन और सुधार हुआ। जिस देश का मानव संसाधन व सम्पदा उत्कृष्ट होती है, वह देश तेजी से विकास करता है।
"प्रेरणा एप" शिक्षकों की सुविधाओं को बढ़ाने एवं उनकी समस्याओं के निस्तारण में सहायक होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने शिक्षकों को समाज की रीढ़ बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा देश और दुनिया की उत्कृष्टम शिक्षा व्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करेगी।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग की गतिविधियों और उपलब्धियों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती गुलाब देवी, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री- मोहसिन रजा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, सचिव बेसिक शिक्षा, निदेशक बेसिक शिक्षा, राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान, विभिन्न जनपदों से आए शिक्षकगण एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे।
(नवनीत मिश्र)
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