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बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं तराई क्षेत्र से निकले साहित्यधर्मी यदुनाथ सिंह मुरारी: अनिल कुमार श्रीवास्तव
"अन्धकार को क्यों धिक्कारें,
अच्छा है इक दीप जलाएँ।"
उपर्युक्त पंक्तियों के भाव-सन्देश को हृदयंगम कर आत्मसात करने वाले श्री यदुनाथ सिंह मुरारी शिक्षा, साक्षरता, कृषि और ग्रामीण विकास के नवोन्मेष की अलख जगाने वाले रचनाधर्मी संपादक हैं। वर्ष 1989 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने वाले श्री मुरारी अपने कृतित्त्व व कार्य-प्रयासों से ग्राम्य-चेतना को मुखर करने का कार्य कर रहे हैं। जनसंचार एवं पत्रकारिता तथा अर्थशास्त्र में परास्नातक और विधि स्नातक श्री मुरारी का मानना है कि देश के गाँवों को आज विकास-संचार की महती आवश्यकता है। अपनी इसी विचारधारा के तहत श्री मुरारी वर्तमान समय में गाँव, खेत और किसानों से जुड़ी कृषि साक्षरता संवर्द्धन मासिक पत्रिका "पैदावार" एवं इसके पूरक व संयुक्त उपक्रम एग्री न्यूज़ पोर्टल paidawar.page का सफल संपादन और सञ्चालन विगत दस वर्षों से कर रहे हैं।
"इमेज मीडिया ग्रुप" के ग्रुप एडिटर के रूप में अपने सामाजिक सरोकारों को सार्थक आयाम देते हुए सकारात्मक सामाजिक संचार के दृष्टिकोण से "इमेज वॉच" पत्रिका तथा वेब न्यूज़ पोर्टल imagewatch.page का भी सञ्चालन व संपादन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय हैं कि "इमेज मीडिया ग्रुप" ग्रामीण संचार के क्षेत्र में अग्रणी जनमाध्यम संस्थान है। यह संस्थान देश के अल्पशिक्षित व नवसाक्षर ग्रामीणों, किसानों व आमजनों की रुचि, समझ आवश्यकता और उनके शैक्षिक व ग्राह्यता स्तर के अनुरूप उत्कृष्ट साहित्य लेखन-सृजन और प्रकाशन का कार्य में संलग्न है। वर्ष 2002 में नवसाक्षर साहित्य लेखन के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित श्री मुरारी के कार्य-सरोकारों में विकास संचार, साक्षरता संवर्द्धन के निमित्त लेखन-संपादन का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। साक्षरता संवर्द्धन के क्षेत्र में नवसाक्षर साहित्य सृजन के माध्यम से श्री मुरारी का विशेष योगदान है। श्री मुरारी की अब तक 18 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें एक राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 4 पुस्तकें अखिल भारतीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित हैं। इनके लोकहिताय कार्य-अनुभव और उपलब्धियाँ इनके कृतित्त्व की विशालता और गरिमा का बोध कराती हैं। श्री मुरारी अनेक संस्थाओं और महत्त्वपूर्ण विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा रचनात्मक अवदान के लिए सम्मानित किये जा चुके हैं। श्री मुरारी ने डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में जनसंचार एवं पत्रकारिता के व्याख्याता के रूप में 7 वर्षों तक अपनी सेवाएँ प्रदान कर अपने बहुआयामी व्यक्तित्त्व का परिचय दिया है।
तराई क्षेत्र के जनपद लखीमपुर-खीरी के मूल निवासी और कार्य-प्रयोजन के निमित्त लखनऊ में सक्रिय श्री मुरारी के शिक्षा-साक्षरता के नवोन्मेष व संवर्द्धन से सम्बंधित विशेषज्ञतापूर्ण लेखन/ संपादन/ प्रकाशन/ सृजन की उपलब्धियों के साथ साथ मेरे पत्रकारिता गुरु भी हैं। इनके विषय मे लिखना सूरज को दिया दिखाने जैसा है। यह लेखन, पत्रकारिता के क्षेत्र में एक वटबृक्ष के समान हैं जिनकी शीतल छाया में तमाम पत्रकारो ने अपना मुकाम बनाया है।
(अनिल कुमार श्रीवास्तव)
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