ब्यंग्य: विधानसभा में मुख्यमंत्री का लुंगी डांस!
राँची: विधानसभा में मुख्यमंत्री का लुंगी डांस चल रहा था। इससे पहले उसी विधान सभा में पूर्व मुख्यमंत्री ने डिस्को डांस करके सरकार बचायी थी और विधान सभा का विश्वास मत जीता था। इसीलिए इस बार जब सरकार गिरने की नौबत आ गयी तो नये मुख्यमंत्री ने लुंगी डांस शुरू कर दिया। हालांकि राज्यपाल ने उन्हें सदन का विश्वास हासिल करने का दिनभर का समय दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने सोचा कि विश्वासमत हासिल करने से पहले लुंगी डांस करने से विधायकों का समर्थन उन्हें आसानी से हासिल हो जायेगा और सदन का मनोरंजन भी हो जायेगा। जनता की कौन पूछे उसे तो सिर्फ मनोरंजन चाहिए। सरकार चले या न चले। जनता ने वोट दे दिया तो मुख्यमंत्री चाहे डिस्को डांस करे या लुंगी डांस उससे क्या फर्क पड़ने वाला है। सरकार गिराने पर आमादा विधायक भी मुंबई और गोवा की सैर सपाटे पर थे। उन्हें लग रहा था उनका सैरण्सपाटा निहायत जरूरी है। गोवा और मुंम्बई की टूर करने से उनकी सेहत भी अच्छी रहेगी और राज्य के लोगों को वहां के दर्शनीय स्थानों की जानकारी भी मिलेगी।
विधानसभा में मुख्यमंत्री के लुंगी डांस का टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण भी किया जा रहा था। मुख्यमंत्री का लुंगी डांस देखकर राज्य की जनता खुश थी। सदन में मौजूद विधायक भी मेज थप-थपाकर इसका स्वागत कर रहे थे। बोल रहे थे लोकंतत्र की सेहत के लिए मुख्यमंत्री का लुंगी डांस भी जरूरी है।
विश्वास मत तो विधानसभा में आताण्जाता रहेगा लेकिन लुंगी डांस शायद ही विधानसभा में कभी हो पाता है। स्पीकर महोदय बारण्बार कह रहे थे कि राज्यपाल ने संदेश भेजा है कि आज ही विधानसभा में विश्वास का मत हासिल किया जाना चाहिए। कोर्ट ने भी कहा है कि आज ही विश्वास मत हासिल हो जाना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री और उनके समर्थक लुंगी डांस पर ज्यादा जोर दे रहे थे। दिनभर लुंगी डांस देखने के बाद स्पीकर ने विधानसभा को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वासमत पर कल बहुमत कराया जायेगा। सदन से बाहर निकलते हुए कई विधायक कह रहे थे कि कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री का लुंगी डांस अच्छा था। दिनभर सब्सिडी दर पर भोजन मिलने के साथण्साथ मुख्यमंत्री का लुंगी डांस भी देखने को मिला। इससे अच्छा राज्य के लिए क्या हो सकता है।
दूसरे दिन खबर आयी कि विधानसभा में अदालत और राज्यपाल के निर्देश का पालन नहीं हुआ। इससे जाहिर होता है कि सरकार के पास कोई बहुमत नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री ने कल दिनभर लुंगी डांस करके लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ दी।
खबर यह भी आयी कि केंद्र सरकार राज्य में धारा 356 के तहत कार्रवाई कर सकती है। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा उसे विधानसभा का विश्वासमत हासिल है। चूंकि कल पर सैर पर गये विधायक लौटे नहीं थे इस लिए विश्वासमत हासिल नहीं हो सका। वे आज आ जायेंगे और सरकार विश्वासमत हासिल कर लेंगी। धारा 356 की लटकी तलवार पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा यह एक कत्लेआम कानून है। यह कानून कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों का कत्लेआम कर चुका है। इसलिए इससे डरता कौन है। इसके बाद दूसरे दिन सदन में फिर से मुख्यमंत्री का लुंगी डांस शुरू हो गया। आखिर विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मैं अपना इस्तीफा फेसबुक में देने जा रहा हॅूं क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री ने ऐसा किया था। विपक्ष ने सवाल दागा सरकार सीधे राज्यपाल को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहती है। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया जब फेसबुक पर प्यार हो जाता है। जब फेसबुक पर ब्याह हो जाता है और फेसबुक पर आत्महत्या की लाइव तस्वीर वायरल होती है तो राज्यपाल को इस्तीफा देने की क्या जरूरत है। राज्यपाल भी दिनभर मोबाइल पर फेसबुक देखते रहते है । उन्हें भी पता चल जायेगा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर अपना इस्तीफा दे दिया है और वे फेसबुक से प्रिंटआउट निकाल कर अपने रिकार्ड में रख लेंगे।
(नवेन्दु उन्मेष)
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