हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण को रोकने के वास्ते सिंध असेंबली ने प्रस्ताव पारित किया
कराची: पाकिस्तान की सिंध असेंबली ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें मांग की गई है कि हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और अपहरण को रोका जाना चाहिए और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
"एक्सप्रेस ट्रिब्यून" की खबर के मुताबिक ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए) के विधायक नंद कुमार गोकलानी ने मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ-साथ मुत्तहिदा कौमी आंदोलन ;एमक्यूएमद्धए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और जमात.ए.इस्लामी ने इसका समर्थन किया।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अप्रैल में अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हिंदू तथा ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और शादियों की घटनाओं को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि पिछले वर्ष केवल दक्षिणी सिंध प्रांत में ही इस तरह के लगभग 1000 मामले सामने आये थे।
सदन में इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कुमार ने पिछले कुछ महीनों में सिंध के बादिन, थट्टा, मीरपुर खास, कराची, टांडो मोहम्मद खान, खैरपुर मीर, हैदराबाद और अन्य इलाकों की करीब चालीस हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है और इनमें अधिकांश नाबालिग हैं।
उन्होंने कहा, "इस सदन ने बाल विवाह के खिलाफ कानून पारित किया हुआ है। हमारे समुदाय की नाबालिग लड़कियां लापता हो जाती हैं और कुछ दिन में वे किसी मदरसे में सामने आती हैं और उनकी किसी मुस्लिम लड़के से शादी हो रही होती है। यह सभी कुछ दबाव में हो रहा है।"
कुमार ने प्रांत में इस तरह की घटनाओं को रोकने के वास्ते कदम नहीं उठाने के लिए परोक्ष रूप से सत्ता पक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा, "यह हमारी मातृभूमि है। पाकिस्तान के निर्माण के बाद से, हम अल्पसंख्यक हमेशा अपने मुस्लिम भाइयों की तरह पाकिस्तान के प्रति वफादार रहे हैं। अगर हमारी लड़कियों को धर्मांतरित किया जाए तो हमें कहां जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि ज्यादातर हिंदू इस वजह से पाकिस्तान को छोड़कर चले गये। उन्होंने कहा, "लेकिन हम यहीं जीना और मरना चाहते हैं। कृपया हमें सुरक्षा दें और हमें इस देश को छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाये।"
एमक्यूएम की मंगला शर्मा ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सवाल किया कि केवल हिंदू लड़कियों का ही अपहरण क्यों किया जा रहा है।
पीटीआई के एमपीए खुर्रम शेर जमां ने सुझाव दिया कि प्रस्ताव से "हिन्दू लड़कियों" के शब्द हटाये जाने चाहिए क्योंकि इससे विदेशों में पाकिस्तान की बदनामी होती है।
संसदीय कार्य मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक कानून लाने के प्रति गंभीर है।
जमात.ए.इस्लामी के अब्दुल राशिद ने प्रस्ताव का समर्थन किया लेकिन इस विचार को खारिज किया कि केवल लड़कियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरी राम किशोरी लाल ने कहा कि हिंदू लड़कियों के अपहरण का मुद्दा अस्तित्व में है। उन्होंने कहा, "हम इसे काबू में करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
चर्चा के बाद असेंबली ने प्रस्ताव पारित कर दिया।
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि इस समुदाय के अनुसार इस देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रहते है।
(साभार- भाषा)
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