ब्रेकिंग न्यूज़: अभिभाषण चर्चा छह अंतिम रास
नई दिल्ली: द्रमुक के तिरुचि शिवा ने धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार के विभिन्न कदमों के कारण देश में छोटे उद्योग धंधों की कमर टूट गई और बेरोजगारी बढ़ी है। किसानों की अपेक्षा है कि उन्हें लागत की तुलना में अधिक से अधिक लाभ मिले लेकिन उनकी लागत भी नहीं निकल पाती।
उन्होंने कहा कि, "नई शिक्षा नीति के मसौदे में हिन्दी को प्रोत्साहन देने की बात की गई है लेकिन इस संदर्भ में अगर यह राज्यों पर थोपने को प्रयास किया गया तो उसका जबर्दस्त विरोध किया जायेगा।"
भाजपा के जीवीएल नरसिंह राव ने भाजपा की जीत और वोट प्रतिशत में वृद्धि का जिक्र किया और कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए इच्छाशक्ति की कमी थी। उनके भाषण के दौरान उस समय हंगामा शुरू हो गया जब उन्होंने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में टिप्पणी की। उनकी टिप्पणी का कांग्रेस सदस्यों ने भारी विरोध किया और वे उनसे माफी की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गये। बाद में भाजपा नेता ने अपने बयान वापस ले लिया और इसके बाद सदन में सुचारू रूप से कामकाज चला।
चर्चा में भाग लेते हुए अगप के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने सरकार की विदेश नीति को बेहतरीन बताया और कहा कि जलवायु परिर्तन मुद्दे पर आयोजित बैठक में भारत के रूख को समर्थन मिलना इसका संकेत है।
अपने प्रदेश असम का जिक्र करते हुए अगप सदस्य ने कहा कि वहां कई समस्याएं हैं जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
भाजपा नेता राम विचार नेताम ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया और जनता ने उसका जवाब दे दिया।
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र ने अपने भाषण में चुनाव आयोग की निष्पक्षता और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल किए। उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों से संदेह पैदा होता है। लोग सवाल करते हैं कि उनका वोट कहां गया। लोग नतीजों को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम की हैकिंग को लेकर काफी संदेह पैदा किया गया है। इस संबंध में भाजपा के एक सांसद ने तो किताब ही लिख दी है।
मिश्र ने आरोप लगाया कि दलित समाज के प्रति सरकार का व्यवहार उचित नहीं रहा है और वह आरक्षण समाप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण को वास्तव में धोखा करार दिया।
भाजपा के आर के सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग पर अंगुली उठाना संवैधानिक संस्था का अपमान करना है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भी देश से लेकर विदेश तक ऐसा प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधि से देश की प्रतिष्ठा धूमिल होती है।
आप के संजय सिंह ने कहा कि 2004 से नया भारत बना है जिसमें भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा दो करोड युवाओं को रोजगार और 15 लाख रूपए देने का वादा कर उसे पूरा नहीं किया जाता।
दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा के आप सरकार के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि केंद्र इसमें अड़ंगा डाल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र पिछले साढ़े चार साल से दिल्ली की सरकार को काम नहीं करने दे रही है।
उन्होंने संसद में धार्मिक नारे लगाए जाने पर भी आपत्ति जतायी। चर्चा में अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानाथ, कांग्रेस के एल हनुमंथैया और रोनाल्ड सपा लाउ ने भी भाग लिया।
चर्चा अधूरी रही।
(साभार- भाषा)
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