पंजाब आतंकी निशाने पर: अनिल अनूप
चंडीगढ़: पुलवामा हमले के बाद पंजाब भी पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के निशाने पर है। देश में मोदी सरकार के काबिज होते ही यहां खालिस्तान समर्थकों ने हलचल शुरू कर दी थी और "खालिस्तान जनमत 2020" इसका जीवंत उदाहरण है।।
बताया जा रहा है कि इस मुहिम को चलाने वाले सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस को पाक में बैठे आतंकी संगठनों का भी समर्थन है।
करतारपुर में कॉरिडोर उद्घाटन समारोह में 'खालिस्तान जनमत 2020, के साथ कुख्यात खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला की तरफ से बधाई से संबंधित पोस्टर भी लगे थे। खालिस्तान समर्थक चावला को हाफिज सईद और आई•एस•आई• का करीबी माना जाता है।
हाल ही में पंजाब के सुमेध सिंह सैनी ने भी 2020 को लेकर गहरी चिंता जताई है और सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार इस मसले पर गंभीर नहीं है। इस ओर भारत और राज्य सरकार ने जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो जिस खालिस्तान के पौधे को दोबारा लगाया है, उसे सींचने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ेगा। नतीजन देश को पुलवामा जैसे हमले पंजाब में भी झेलने पड़ सकते हैं।
फिलवक्त बात करते हैं खालिस्तानी संगठन के रैफरैंडम 2020 की जो भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है।
हाल ही में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने एक चैनल में दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया कि रैफरेंडम 2020 के मोहाली से लेकर तरनतारन तक होर्डिंग्स लगते रहे हैं, जिसके प्रति कैप्टन सरकार गंभीर नहीं है। उनका यह भी आरोप है कि पंजाब में हुई बेअदबी की घटनाओं को लेकर सियासी मकसद से सरकार झूठे केस बनाकर नैशनलिस्ट ऑफिसरों को अरेस्ट करने में जुटी हुई है। उनका मीडिया में इस तरह का बयान दिया जाना अपने आप में बहुत बड़े मायने रखता है, क्योंकि पंजाब में पूर्व डीजीपी केपीएस गिल के बाद दूसरे नंबर पर आतंकवाद को खत्म करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। बहरहाल उन्हें पंजाब में बहबल कलां और कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पुलिस ने पूछताछ के लिए घेर रखा है। करीब 3 साल पहले जब यह घटना हुई थी वह उस समय सूबे की पुलिस प्रमुख थे। क्या कहती है सरकार और आंकड़े......
पंजाब में आतंकी गतिविधियों की बात करें तो हाल ही में विधानसभा बजट सत्र के दौरान खुद सूबे के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपनी सरकार के कसीदे पढ़ते हुए इस बात की जानकारी दी कि पुलिस ने विभिन्न हिस्सों में आतंकियों से जुड़े 20 मॉडयूल्स को बेनकाब किया है। इनसे हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए हैं। आपको बता दें कि पंजाब को लेकर 13 जून 2014 को न्यूयार्क स्थित खालिस्तान समर्थित सिख फॉर जस्टिस ने 2020 मुहिम के समर्थन में पहली रैली की थी। उसके बाद 6 जून 2015 को ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर पहली बार प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में देश विरोधी गुट ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए।
27 जुलाई 2015 को आतंकियों ने गुरदासपुर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसमें गुरदासपुर एसपी सहित 7 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी 2016 को आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए और 6 आतंकी मारे गए। 2016 से पंजाब के मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, गुरदासपुर, पटियाला, मोगा, अमृतसर, होशियारपुर और तरनतारन में खालिस्तान और रैफरैंडम 2020 के समर्थन में पोस्टर लगाने के कई मामले सामने आए हैं। अगस्त 2018 को सिख फॉर जस्टिस ने लंदन के ट्रैफलगर स्कवायर में रैफरैंडम 2020 को कामयाब बनाने के लिए रैली की। 15 सितम्बर 2018 को पंजाब के जालंधर जिले के मकसूदां थाने में 4 धमाके हुए। 10 अक्टूबर 2018 को पंजाब पुलिस व जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में जालंधर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से तीन कश्मीरी छात्र गिरफ्तार हुए। उनके पास से एके 56 और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए।
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