आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित - लोकसभा की बैठक अनिश्चित काल के लिए स्थगित
नई-दिल्ली: लोकसभा के 11 दिसंबर से प्रारंभ हुए शीतकालीन सत्र को मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी।
इस सत्र में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया।
राज्यसभा की बैठक बुधवार तक के लिए बढ़ा दी गयी है तथा अंतिम दिन उच्च सदन में संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा और इसके पारित होने की संभावना है।
लोकसभा की बैठक मंगलवार देर रात तक चली क्योंकि सदन में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक को पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रगीत की धुन बजाये जाने के पश्चात लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
इससे पहले महाजन ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा की 17 बैठकें हुईं और 46 घंटे काम हुआ। इस दौरान 2018-19 की अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच को सदन की मंजूरी दी गयी।
लोकसभाध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुनस्थापित किये गये और अनेक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये।
सदन में पेश महत्वपूर्ण विधेयकों में ट्रांसजेंडर अधिकार संबंधी विधेयक, सरोगेसी संबंधी विधेयक, ऑटिज्म से प्रभावित लोगों से जुड़ा विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, आईएमसी संशोधन विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक और संविधान (124वां संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध विधेयकों में 82.35 प्रतिशत विधेयक पारित हुए। सदन में स्थाई समितियों के 42 प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किये गये। सत्र के दौरान राफेल सौदे के मुद्दे पर नियम 193 के तहत आठ घंटे 21 मिनट की चर्चा हुई और इस पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया।
सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में बाधा डालने पर सख्त कदम उठाते हुए स्पीकर ने अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्यों समेत 49 सदस्यों को सदन के कामकाज की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।
लोकसभा में इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के लगभग सभी मंत्री, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अन्नाद्रमुक के एम थम्बी दुरै और विभिन्न दलों के प्रमुख नेता मौजूद थे।
शीतकालीन सत्र के दौरान राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने, कावेरी पर प्रस्तावित बांध, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग, उत्तर प्रदेश में खनन मामले की जांच सहित विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई।
(साभार- भाषा)
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