जंगे आजादी ए हिन्द के दो मुस्लिम किरदार- मिर्जा अबुबकर और मिर्जा अब्दुल्लाह
आइए जानते हैं, जंगे आजादी ए हिन्द के मुस्लिम किरदार- मिर्जा अबुबकर और मिर्जा अब्दुल्ला को_____
मिर्जा अबुबकर
मिर्जा अबुबकर मिर्ज़ा फख़रू के बेटे और बहादुरशाह के पोते थे। सन् 1857 में आप कमाण्डेण्ट-कैवलरी बनाये गये। दिल्ली पर कब्ज़ा करने से पहले ऐडसन ने दिल्ली.दरवाजे के बाहर आपको गोली मारकर शहीद कर दिया।
मिर्जा अब्दुल्लाह
मिर्जा अब्दुल्लाह बहादुरशाह के पोते और मिर्जा शाहरूख़ के बेटे थे। बहादुरशाह ने आपको कमान्डेन्ट.रेजिमेन्ट 20 (बेली) का ओहदा दिया था। दिल्ली की हार के बाद सन् 1857 की आज़ादी की लड़ाई में आपने बहादुरी से हिस्सा लिया, जिसकी बिना पर ऐडसन ने उनका क़त्ल कर दिया और दूसरे शहजादों के सिर के साथ थाल में सजाकर बहादुरशाह के सामने पेश किया और कहा कि यह है आपकी वह भेंट जो बन्द हो गयी थी। इसका जवाब देते हुए बहादुरशाह ने कहा था कि अलहम्दोलिल्लाह ! तैमूर की औलाद इसी तरह सुर्खरू होकर बाप के सामने आया करती है। बाद में आपके जनाज़े को दूसरे शहजादों के जनाज़ों की तरह कोतवाली पर और सिर को खूनी.दरवाजे पर लटका दिया गया और फिर दरिया में फेंक दिया गया।
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