विशेषः13 दिसम्बरः संसद पर कायराना आतंकी हमले का दिन
नई-दिल्ली: 13 दिसम्बर का दिन देश - विदेश की कई बड़ी घटनाओं के साथ दर्ज़ है और उन्ही में से एक है 17 वर्ष पहले वर्ष 2001 में 13 दिसम्बर को संसद पर कायराना आतंकी हमले का।
13 दिसम्बर 2001 की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था। देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़ी संसद भवन की इमारत में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एम्बेसडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों को गच्चा देने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया।
13 दिसंबर का दिन आतंकवाद से जुड़ी एक अन्य घटना का भी गवाह है। 1989 में आतंकवादियों ने जेल में बंद अपने कुछ साथियों को रिहा कराने के लिए देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री का अपहरण कर लिया। सरकार ने 13 दिसंबर को आतंकवादियों की मांग को स्वीकार करते हुए पांच आतंकवादियों को रिहा कर दिया।
देश दुनिया के इतिहास में 13 दिसंबर की तारीख में दर्ज कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1921: प्रिंस ऑफ वेल्स ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।
1921: वाशिंगटन सम्मेलन के दौरान अमेरिकाए ग्रेट ब्रिटेन, जापान और फ्रांस के बीच फोर पॉवर संधि पर दस्तख्त। इसमें किसी बड़े सवाल पर दो सदस्यों में विवाद होने पर चारों देशों से सलाह करने का प्रावधान किया गया।
1937: जापान की सेना ने चीन के साथ युद्ध के दौरान नानजिंग पर कब्जा कर लिया और नानजिंग नरसंहार को अंजाम दिया, जिसमें शायद तीन लाख से ज्यादा चीनियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
1961: भारत के दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम के खिलाफ दिल्ली में खेले गए मैच से मंसूर अली ख़ान पटौदी ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की ।
1989: देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पांच कश्मीरी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया गया।
1995: दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद सैकड़ों श्वेत और अश्वेत युवक सड़कों पर उतर आए और तोड़फोड़ की तथा दुकानों तथा कारों को आग लगा दी।
2001: भारतीय संसद की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर बंदूकधारियों के एक गिरोह ने नयी दिल्ली स्थित लोकतंत्र के मंदिर (संसद) को निशाना बनाया।
(साभार- भाषा/एडिटेड)
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