अप्रैल-नवम्बर 2018 में प्रमुख बंदरगाहों की वृद्धि दर 4.83 प्रतिशत रही
नई-दिल्ली: भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अप्रैल-नवम्बर, 2018 के दौरान 4.83 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है। इन बंदरगाहों ने इस दौरान कुल मिलाकर 461.21 मिलियन टन कारगो का संचालन किया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 439.96 मिलियन टन कारगो का संचालन किया गया था।
9 बंदरगाहों यथा कोलकाता (हल्दिया सहित), पारादीप, विशाखापत्तनम, कामराजार, चेन्नई, कोचीन, न्यू मंगलोर, जेएनपीटी और दीनदयाल ने अप्रैल-नवम्बर, 2018 के दौरान यातायात में धनात्मक वृद्धि दर्ज की है।
प्रमुख बंदरगाहों पर संचालित कारगो यातायात
कामराजार बंदरगाह द्वारा सर्वाधिक वृद्धि दर (20.15 प्रतिशत) दर्ज की गई। इसके बाद क्रमश: कोचीन (11.73 प्रतिशत), पारादीप (9.73 प्रतिशत), कोलकाता (हल्दिया सहित) (8.52 प्रतिशत) और दीनदयाल (7.37 प्रतिशत) का नम्बर आता है। कंटेनर (19.8%) अन्य तरल पदार्थ (16.42%), थर्मल और स्टीम कोयला (10.71%) और पीओएल (9.24%) के यातायात में वृद्धि की बदौलत ही कामराजार बंदरगाह ने उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है।
अप्रैल-नवम्बर 2018 के दौरान दीनदयाल बंदरगाह ने मात्रा की दृष्टि से सर्वाधिक यातायात 77.33 मिलियन टन (16.77 प्रतिशत हिस्सेदारी) का संचालन किया। इसके बाद क्रमश: 71.30 मिलियन टन (15.46% हिस्सेदारी) के साथ पारादीप, 46.40 मिलियन टन (10.06% हिस्सेदारी) के साथ जेएनपीटी, 43.03 मिलियन टन (9.33% हिस्सेदारी) के साथ विशाखापत्तनम और 40.32 मिलियन टन (8.74% हिस्सेदारी) के साथ मुंबई का नम्बर आता है।
पीओएल की जिंस-वार प्रतिशत हिस्सेदारी सर्वाधिक 33ण्40 प्रतिशत आंकी गई। इसके बाद क्रमश: कंटेनर (20.71%), थर्मल व स्टीम कोयला (15.09), अन्य विविध कारगो (10.64%), कोकिंग एवं अन्य कोयला (8.13%), लौह अयस्क तथा छर्रों (5.65%) अन्य तरल (4.25%) तैयार उर्वरक (1.18%) और उर्वरक कच्चे माल (एफआरएम) (0.95%) का नम्बर आता है।
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