बुलंदशहर हिंसा: प्रदेश अराजकता की गोद में - SIT जाँच विश्वसनीय नहीं- कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए: रघु ठाकुर
- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच हो।
- धरना देने वाले लोग हत्या के लिए बंदूकें लेकर नहीं चलते।
- उत्तर प्रदेश में पुलिस जब स्वतः सुरक्षित नहीं है तो वह समाज को क्या सुरक्षा देगी।
नई-दिल्ली: बुलंदशहर हिंसा पर प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी केे राष्ट्रीय संरक्षक - रघु ठाकुर कहा कि, "बुलन्दशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोधकुमार सिंह की हत्या में बजरंगदल, विहिप व भाजपा युवामोर्चा के पदाधिकारियों के नाम रपट में हैं। यह हत्या सुनियोजित व बदले के उद्देश्य से की गई थी यह घटनाओं से स्पष्ट हो गया है।
उन्होंने कहा कि, "धरना देने वाले लोग हत्या के लिए बंदूकें लेकर नहीं चलते। फिर हत्या के बाद स्व• सिंह को गाड़ी पर उल्टा लटकाना तो यही संकेत देता है।"
रघु ठाकुर ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश में पुलिस जब स्वतः सुरक्षित नहीं है तो वह समाज को क्या सुरक्षा देगी। सत्ता पक्ष के लोग इतने निर्भय हो चुके हैं कि वे स्वयं पुलिस पर हमला कर रहे हैं। प्रदेश अराजकता की गोद में डूब गया है। एस आई टी जाँच विश्वसनीय नहीं होगी।"
प्रख्यात समाजवादी चिंतक-रघु ठाकुर ने कहा कि अब जरूरी है कि____
1. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जाँच हो।
2. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की असफलता को देखते हुए कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।
तथा
3. मुख्यमंत्री आदित्य नाथ जी को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए स्वतः सत्ता छोड़ देनी चाहिए।"
बात सही हैै कि वर्तमान हालात में एस•आई•टी• जाँच विश्वसनीय नहीं है अतः सरकार केे लिए अपनी विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच कराना निस॔देह निष्पक्ष जांच को परिलक्षित करेगा।
देखना है कि, मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदार स्वीकार कर सत्ता छोड़ते हैं कि नहीं तथा कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की जाती है कि नहीं।
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