रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा के नाम पर वर्ल्ड-क्लास स्टेशन बनाने की योजना है उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए !
रेल यात्रियों की विश्वस्तरीय सुविधाएं, यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा देने के नाम पर वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने से नहीं, बल्कि सभी ट्रेनों के समय से और सुरक्षित संचालन से मिलेंगी:
[सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष(उ•प्र•)/ लो•स•पा•]
लखनऊ: रेल मंत्री- पियूष गोयल ने ट्वीट कर बताया है कि, यात्रियोंं को विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास फैसेलिटी से लैश किया जाएगा, परन्तु यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि यह केेेवल उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की योजना है।
रेलवे की संंरक्षा, सुरक्षा और समय-पालन का सिद्धान्त विकास के खेल में कहीं गुम सा हो गया है।
भारतीय रेलवे, ट्रेनों का संचालन समय से और सुरक्षित नहीं कर पा रहा है और ना ही सभी ट्रेनों को संचालित कर पा रहा हैै। आए दिन की रेल-दुर्घटनाएं और प्रतिदिन एक हजार से दो हजार व उससे भी अधिक ट्रेनों का कैंसिल किया जाना रेलवे की दुर्दशा की कहानी स्वयं बयाँ कर रहे हैं।
15 नवम्बर की रात्रि में नेेशनल ट्रेन इंंक्वायरी पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एक हजार चार सौ चौदह ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है जिसमें से 1,278 पैैैसेंजर और मेमू ट्रेन निरस्त की गई हैं तथा 136 मेल/एक्स•/ स्पेशल ट्रेन हैं।"
रेल सेवक संघ के महामंत्री का कहना है कि रेलवे के अधोसंरचना के अनुपात में लगभग 20 लाख रेेल-कर्मचारियों के पद रिक्त हैं जिससे रेलवे उद्योग का ढाँचा चरमरा गया है और रेलवे की डिक्शनरी से "संरक्षा, सुरक्षा व समय-पालन" ऐसे शब्द लुप्त हो चुके हैं।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव जो एक रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर भी हैं, ने रेल मंत्री के ट्वीट का उत्तर देते हुए रिट्वीट कर कहा कि, "प्रधानमंत्री @ Narendra Modi की स्टेशन पुनर्योजना द्वारा प्रमुख स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास फैैैसेलिटी का बनाने से नहीं, बल्कि सभी ट्रेनों के समय से और सुरक्षित संचालन से रेलवे का विकास होगा।
आज चलने वाली एक हजार चौदह ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है और यह रोज के हालात हैं।
ॠण लेकर घी नहीं पिया जाता है।"
आशा है पाठक समझेंगे और रेलमंंत्री को भी पुनर्विचार करना चाहिए।
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