चार गैंग मैन की मौत: रेल कर्मचारी किसी भी दबाव में कार्य ना करें तथा दबाव डालने वाले सुपरवाइजरों व अधिकारियों के विरुद्ध FIR करें: सच्चिदानन्द श्रीवास्तव
- कर्मचारियों की कमी के कारण रेलवे अपने ही कर्मचारियों की कब्रगाह बनती जा रही है.
- रेल सेवक संघ वर्ष 2010 से लगातार रेलवे में सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के अधोसंरचना के अनुपात में रिक्त लगभग 20 लाख कर्मचारियों के भर्ती की माँग करती चली आ रही है।
लखनऊ: रेल सेवक संघ और रेलवे ट्रैक मेेन्टेनर एशोसिएशन नेे सोमवार को हरदोई - लखनऊ रूट पर शहीद हुए चार गैंग-मैन को भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सूत्रों से प्राप्त समाचार के अनुसार रेलवे कर्मचारी अत्यधिक आक्रोशित हैं। जहाँँ एक तरफ रेलवे ट्रैक मेन्टेनर एशोसिएशन गैंग-मैनो पर बिना ब्लाक लिए दबाव डालकर कार्य कराने वाले PWI के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रेल सेवक संघ ने कर्मचारियों का आह्वान किया कि, "कोई भी रेल कर्मचारी रेेलवे ट्रैक पर तब तक कार्य ना करें जब-तक सुपरवाइजर या अधिकारी नियमानुसार काशन या ब्लाक लेकर रेलवे-ट्रैक पर कार्य-स्थल के दोनों तरफ पटरी को बैनर फ्लैग और पटाखे से सुरक्षित नहीं कर ले तथा यदि कोई सुपरवाइजर या अधिकारी इसके बिपरीत कार्य करने का दबाव बनाये तो कर्मचारी या गैंग उस सुपरवाइजर या अधिकारी के बिरुद्ध पुलिस में FIR करें तथा इस यूनियन के वेबसाइट- railsewaksangh.com वेब-पोर्टल पर जाकर NIVARAN पर क्लिक कर अपनी शिकायत दर्ज करें और उसकी प्रति यूनियन को भेजेें। डरनेे की कोई आवश्यकता नहीं है। हम सब साथ हैं।"
श्रीवास्तव ने बताया कि, "एक तो DRMs, इंजीनियरिंग कार्य हेतु काशन और ब्लाक को लेकर गंभीर नहीं है। रेलवे में कर्मचारियों और संसाधनों की कमी के कारण सुपरवाइजर और अधिकारी रेल-नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए नियमानुसार ना ही निरीक्षण और मेन्टेनेन्स का कार्य करा पा रहे हैं और ना ही कार्य के दौरान पटरी को सुरक्षित कर पा रहे हैं। वे चापलूसी और अपने भ्रष्ट आचरण पर पर्दा डालने के लिए कर्मचारियों से अनैतिक कार्य कराते रहते हैं और उन पर अनैतिक दबाव बनाते रहते हैं जिसका दुष्परिणाम इन गैंग मैनो की मौत और कर्मचारियों द्वारा की जा रही आत्महत्यायें हैं। ईमानदार कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलता है तो ट्रांसफर और होता है उनका शोषण।"
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और रेल मंत्री को सुरक्षित रेल यातायात सुनिश्चित करने और रेल यात्रियों व अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए रेल सेवक संघ की माँगें पर विचार करना चाहिए तथा इस मुद्दे पर संघ के महामंत्री- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव से भी विचार-विमर्श करना चाहिए।
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