जानिए कब पड़ेगी अष्टमी और नवमी - पांच उपाय जो आपको बनाएंगे धनवान
आइए बताते हैं कि कब पड़ेगी अष्टमी और नवमी, क्या है शुभ मुहूर्त?
और
पांच उपाय जो आपको बनाएंगे धनवान_____
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन विशेष और गोपनीय पूजा के जरिए आप धनवान बन सकते है। इस पूजा के दौरान कुछ उपाय ऐसे भी होते हैं जो आप आगे भी जारी रख सकते हैं।
आठवें दिन मां महागौरी, और नौवे दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
अष्टमी कब है?
नवरात्रि या नवरात्र के आठवें दिन अष्टमी मनाई जाती है. इस बार अष्टमी 17 अक्टूबर को है:
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 16 अक्टूबर 2018 की सुबह 10 बजकर 16 मिनट से
अष्टमी तिथ समाप्त: 17 अक्टूबर 2018 की दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
17 अक्टूबर 2018 को कन्या पूजन के दो शुभ मुहूर्त हैं:
सुबह 6 बजकर 28 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक.
सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक.
दशहरा या विजयादशमी हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। आठवें दिन मां महागौरी, और नौवे दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है अष्टमी और नवमी को मां की पूजा और हवन आदि का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से सालभर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
व्रत के दौरान अष्टमी यानी नवरात्र के आठवें दिन नौ कन्याओं के पूजन का विधान है। जो श्रद्धालु पूरे नौ दिनों तक व्रत नहीं रख पाते हैं वो भी अष्टमी का व्रत रखते हैं और कंजक पूजा भी करते हैं। दोनों दिन आप चाहे तो विशेष पूजा के जरिए मां दुर्गा से अपने घर के लिए सौभाग्य और सुख की कामना पूजा कर सकते हैं।
दरअसल शास्त्रों के मुताबिक इन उपायों के जरिए आप घर को सुख,शांति और धन-धान्य से भरपूर रख सकते हैं। इस प्रकार की पूजा को गोपनीय इसलिए रखना चाहिए क्योंकि इसे जगजाहिर करने से इसका लाभ कम हो जाता है। इसलिए इस प्रकार की पूजा पद्धति को गुप्त रखकर ही इसका लाभ उठाया जाना चाहिए।
1. अष्टमी और नवमी पूजा के दिन आप जिन कन्यायों के भोजन करा रहे हैं। उन्हें उपहार स्वरुप विद्या की वस्तु पेन, पुस्तक, किताब,पेंसिल,स्कूल बैग आदि जरूर दें। ऐसा करने से आपके घर में सुख-शांति का वास होगा और धन-धान्य की कमी नहीं होगी। साथ ही इस दिन 11 गरीब कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें उनकी जरूरत की चीज दान करने से घर में हमेशा लक्ष्मी और सुख शांति का वास होता है। उन्हें भोजन कराने और उपहार देने के बाद आप उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना नहीं भूले।
2. महागौरी और सिद्धिदात्री मां की जब आप पूजा करें तो इस दौरान लाल रंग के कपड़े में 11 कौड़ियां रख लें और उसे काले धागे से बांध लें। यह उपाय अष्टमी और नवमी दोनों दिन करें। फिर दोनों कपड़ों पर लाल रंग की रोली से स्वास्तिक का निशान बनाकर एक कपड़े को पूजा स्थान के पास और दूसरे को अपनी अलमीरा (जहां आप पैसा-रुपया या जेवर रखते हो) में रख दें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति का वास होता है और उस घर में दरिद्रता कभी नहीं आती।
3. अष्टमी व नवमी के दिन पूजा से पहले घी के 9 दीपक जलाएं। इन दीयों को स्टील या पीतल की थाली में रख दें। आप पहले ही इस थाली में कुमकुम से स्वास्तिक बना दें। फिर इस थाली पर 9 घी के दीयों को जला दें और अपने अपने आप बुझने दें, खुद से नहीं बुझाएं। यह आप अष्टमी और नवमी दोनों दिन सुबह- शाम करें। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह अत्यंत आसान उपाय माना जाता है।
4. नवरात्र में अष्टमी और नवमी के दिन से ही आप श्री सूक्त का पाठ शुरू कर दें। फिर इस पाठ को आगे भी करते रहे। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में आर्थिक संकट कभी नहीं होता है।
5. अपने किसी भी संकल्प या आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आप अष्टमी और नवमी को लाल गुलाब या लाल अड़हुल (जवा पुष्प) की एक माला चढ़ाएं। इससे घर में धन धान्य की बरसात होती है। नवरात्र की अष्टमी से इसे प्रारंभ करें और इस उपाय को लगातार 11 या फिर 21 शुक्रवार तक करें। ऐसा करना आपकी आर्थिक स्थिति को अत्यंत संबल प्रदान करेगा।
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