
अवाम के मन की बात सुनने की फुर्सत नहीं है, सरकार के पास
लखनऊ: केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था बदहाली के दौर से गुजर रही है। डालर के मुकाबले रूपये में आई गिरावट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को व्यापक नुकसान हुआ है। इसके चलते व्यापार घाटा जुलाई महीने में पांच साल के उच्चतम स्तर 18.02 अरब डालर पर था। सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि इस साल अब तक रूपया 13 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है इसके चलते एक ओर पेट्रोलियम पदार्थो सहित सभी आयातित वस्तुओं के दाम बढे हैं। वहीं शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट जारी है। यह बात आज जारी बयान में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव आर0पी0 सिंह चौहान ने कही।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था खोखला कर दिया है। रूपये के कमजोर होने से देश में चौतरफा मंहगाई बढी है। मंहगे डीजल से कृषि उत्पादों की लागत बढी है। पहले से ही बदहाल किसान डीजल के दाम बढने से दोहरी मार खा रहा है। बिना डीजल पेट्रोल के विकास के दावे बेमानी साबित होते हैं। प्रधानमंत्री तथा उनके वित्त मंत्री व आर्थिक सलाहकार देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रहे हैं। बैंक दिवालिया होने के कगार पर हैं। बाजारों में अफरा तफरी का माहौल है। उपभोक्ता परेशान है। कमजोर अर्थव्यवस्था पर काम करने की बजाय आत्ममुग्ध प्रधानमंत्री दिन रात अपने मन की बात सुनाने में व्यस्त हैं। व्यापारियों, नौजवानों व आम अवाम के मन की बात सुनने के लिए भाजपा व केन्द्र सरकार तैयार नहीं है।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•)- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव भी गत 17 सितम्बर 2018 को प्रधानमंत्री- मोदी को ट्वीट कर बता चुके हैं कि रुपये का अवमूल्यन भारतीय मुद्रा को खोटा बना चुका है और आपकी सरकार आर्थिक युुद्ध हार चुकी है।
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