माननीयों का इंडियन एयरलाइंस में सफर करना हुआ आसान, टिकट दिखाने पर मिलेगा भुगतान
लखनऊ: प्रदेश के विधायक और विधान परिषद सदस्यों का इंडियन एयरलाइंस में सफर करना और उसका भुगतान पाना अब आसान हो गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को सम्पन्न हुई कैबिनेट की बैठक में माननीयों को इंडियर एयरलाइंस में सफर करने के लिए जरूरी 'एमसीओ' (मूवमेंट कंट्रोल आर्डर) की बाध्यता को खत्म कर दिया।
अब विधायक और विधान परिषद सदस्य निजी एयरलाइंस की तरह बिना मूवमेंट कंट्रोल आर्डर (एमसीओ) के ही इंडियन एयरलाइंस से यात्रा कर वायुयान टिकट के बराबर भुगतान प्राप्त कर सकेंगे। उन्हें इंडियन एयरलाइंस से रेल कूपन के बराबर मूल्य का एमसीओ नहीं लेना होगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नियमावली में व्यवस्था है कि किसी सदस्य द्वारा वायुयान यात्रा का विकल्प देने पर इंडियन एयरलाइंस रेल कूपनों के सापेक्ष सममूल्य के एमसीओ जारी करेगी।
इसी में यह भी व्यवस्था है कि यदि किसी सदस्य ने एमसीओ का बिना उपयोग किए इंडियन एयरलाइंस से भिन्न किसी एयरलाइंस से यात्रा की है तो संबंधित को हवाई यात्रा का टिकट दिखाने पर टिकट के मूल्य के बराबर राशि की प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी।
शर्मा ने बताया कि विधायकों ने प्रतिनिहित विधायन समिति की पिछली बैठकों में बताया कि एमसीओ का प्रयोग किए बिना इंडियन एयरलाइंस द्वारा की गई यात्रा की प्रतिपूर्ति नहीं हो रही है।
समिति ने इस समस्या के समाधान के लिए तत्कालीन प्रमुख सचिव न्याय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
समिति ने 17 अगस्त 2016 की अपनी बैठक में विधान मंडल के सदस्यों को इंडियन एयरलाइंस से की गई यात्रा की प्रतिपूर्ति भी अन्य निजी एयरलाइंस की तरह किए जाने की संस्तुति की थी और इसके लिए संबंधित नियमावली में संशोधन को कहा था, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।
विधायकों को हर वर्ष 4.25 लाख रुपये का रेल कूपन मिलता है। इसी में पेट्रोल भत्ता व वायुयान सुविधा भी शामिल है।
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