चीन और रूस के साथ रिश्ते मजबूत करेगा भारत...
नयी दिल्ली, 28 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस बात पर सहमत हुए हैं कि उनकी हाल की बैठकों से दोनों देशों के संबंधों में बनी गति को बरकरार रखने के लिए चीन के रक्षा मंत्री अगले महीने भारत का दौरा करेंगे। चीनी सरकारी समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन वुहान में हुई उनकी अनौपचारिक बैठक के बाद द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने को तैयार है। मोदी ने शी कहा कि उनकी हालिया बैठकों ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई मजबूती दी है और सहयोग के नए अवसर भी मुहैया किए हैं।
वुहान में मोदी और शी ने विश्वास कायम करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया था। इस कदम का लक्ष्य भविष्य में डोकलाम जैसी स्थिति को टालना है। मोदी ने कहा कि जोहानिसबर्ग बैठक ने उन्हें दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी को और मजबूत करने का मौका दिया है। विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच संचार को बढ़ाने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को जरूरी निर्देश देने और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के प्रति खुद के तैयार होने की बात दोहराई है।
चीन के रक्षा मंत्री का दौरा
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को इस साल चीन भेजने की भी इच्छा जाहिर की है। गोखले ने कहा कि दोनों देश चिंगदाओ में इस बात पर सहमत हुए थे कि चीनी रक्षा और लोक सुरक्षा मंत्री इस साल भारत का दौरा करेंगे। विदेश सचिव ने कहा कि यह फैसला लिया गया था कि अगस्त और अक्टूबर में क्रमश: दो यात्राएं होगी। विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति शी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि वह एक अनौपचारिक बैठक के लिए अगले साल भारत यात्रा के उनके न्योते को स्वीकार कर काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि यह फैसला किया गया है कि एक भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल 1-2 अगस्त को चीन की यात्रा करेगा। सोया, चीनी और गैर बासमती चावल के निर्यात पर चर्चा करेगा और वह चीन से यूरिया के संभावित आयात पर भी गौर करेगा।
रूस के साथ गहरी दोस्ती
मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता की और कहा कि भारत तथा रूस के बीच दोस्ती बहुत गहरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी हितों खासतौर से व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और पर्यटन संबंधी द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। मई में सोच्चि में मुलाकात के दौरान भारत और रूस ने अपनी कूटनीतिक साझेदारी को विशेषाधिकार कूटनीतिक साझेदारी में बदला था। मोदी दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे। ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी और पांच देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं।
डिजिटल ढांचे में निवेश
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल क्रांति ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए नए मौके लेकर आई है। उन्होंने कहा कि यह अहम है कि ज्यादातर देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) और बिग डेटा एनालिटिक्स (बड़े पैमाने पर मौजूद आंकड़ों का विश्लेषण) की ओर से लाए जा रहे बदलावों के लिए तैयार हैं। ब्रिक्स संपर्क सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने डिजिटल आधारभूत ढांचे में ज्यादा निवेश और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में कौशल विकास की बात कही।
(साभार: बी.एस.)
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