भारत सरकार एकात्ममानववाद के रास्ते पर चलरही है.
भोपाल (मध्य प्रदेश), 06 जुलाई: सरकार द्वारा विश्वविद्द्यालय के प्रोफेसरों को सांसदों के विकास के लिए गोद लिये ग्रामों की रपट तैयार करने का काम सौंपने पर तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए महँ समाजवादी चिंतक व विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्ट्री के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने सरकार पर स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा को बर्बाद करने तथा विश्वविद्द्यालयों के प्रोफेसरों के राजनीतिकरण और डलियकरण करने का आरोप लगाया।
रघु ठाकुर ने कहा कि, "सरकार स्कूली और उच्च शिक्षा और उनके शिक्षकों भारत सरकार एकात्ममानववाद के रास्ते पर चलरही है।
उसने स्कूल के शिक्षकों और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों के बीच समान व्यवहार के कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। पहले तो स्कूल के मास्टरों को जनगणना आदि के काम दिये जाते थे। अब विवि के प्रोफेसरों को सांसदों के विकास के लिए गोद लिये ग्रामों की रपट तैयार करने का काम सौंपा है।
म. प्र. के 27 सांसदों के क्षेत्र के गोद लिए ग्रामों की विकास की रपट तैयार करेगी तथा केंद्र सरकार को सौंपेगी।अब प्रोफेसरों का काम छात्रों को पढ़ाने के बजाय विकास खोजना होगा।
स्कूली शिक्षा तो पहले ही बर्बाद कर दी गई है, अब उच्चशिक्षा का नम्बर आ गया है।
यह एक प्रकार से प्रोफेसरों का राजनीतिकरण व दलियकरण भी होगा।
यह एक गलत परम्परा होगी।
शिक्षक पढाने का वेतन विवि से लेंगे और अब रपट तैयार करने के नाम पर छुट्टियां लेंगे।
सांसदों में अपनी सरकार के ऐसे अनीति के निर्णय के विरुद्ध बोलने का साहस नहीं है, क्योंकि 08 माह के बाद फिर टिकिट मांगना है। आलाकमान की नाराजगी उनके व परिवार के भविष्य पर ग्रहण लगा सकती है।"
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