बिटकॉइन: औसत निवेश में पुरुषों से आगे भारतीय महिलाएं
► 22.03 प्रतिशत के साथ दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक आभासी मुद्रा उपयोगकर्ता
► आभासी मुद्राओं में भारतीय महिलाओं का औसत निवेश 1,40,000 रुपये वहीं पुरुषों का औसत निवेश 70,000 रुपये
► बेंगलूरु में महिलाओं का औसत निवेश 2,00,000 रुपये के पार
► सर्वे के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए पुरुषों की औसत आयु 30 वर्ष तथा महिलाओं की 40 वर्ष
भारत में आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) पर नीतिगत अस्पष्टता तथा विभिन्न प्रतिबंधों के बीच एक अध्ययन में पाया गया कि भारतीय महिलाएं क्रिप्टोकरेंसी में औसत निवेश के मामले में पुरुषों से काफी आगे हैं। दिल्ली स्थित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाययूकॉइन ने 15 मार्च से 15 जून के बीच नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, पुणे, हैदराबाद, पटना, लखनऊ आदि टीयर-1 और टीयर-2 श्रेणी के विभिन्न शहरों में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच यह सर्वेक्षण कराया।
दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन ऐसे समय में कराया गया जब भारत में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार के समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं। बजट 2018-19 के भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल टेंडर नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कई चेतावनियों के बाद अंतत: 6 अप्रैल को कहा था कि आरबीआई द्वारा नियंत्रित इकाइयां ऐसे किसी व्यक्ति या कारोबारी इकाइयों को सेवा उपलब्ध नहीं कराएंगी जो आभासी मुद्रा से जुड़े हों। साथ ही, इस क्षेत्र में कारोबार कर रही इकाइयों को तीन माह की समयसीमा दी गई थी। यह अवधि 5 जुलाई को समाप्त हो रही है।
इस सर्वे में तीन प्रमुख बातों पर ध्यान दिया गया। महिला एवं पुरुष निवेशकों की औसत उम्र, उनके द्वारा किया गया निवेश तथा शहरों के आधार पर वितरण। अध्ययन में पाया गया कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए पुरुषों की औसत आयु 30 वर्ष तथा महिलाओं की 40 वर्ष है। अध्ययन में एक रोचक तथ्य यह पाया गया कि पुरुषों के मुकाबले महिला निवेशकों की संख्या काफी कम होने के बावजूद औसत निवेश के मामले में महिलाएं पुरुषों से काफी आगे हैं। आभासी मुद्राओं में भारतीय पुरुषों का औसत निवेश लगभग 70,000 रुपये पाया गया, तो वहीं महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 1,40,000 रुपये को पार कर गया। बेंगलूरु में महिलाओं द्वारा किया गया औसत निवेश 2,00,000 रुपये से अधिक रहा।
बाययूकॉइन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी शिवम ठकराल ने बताया कि वे एक ऐसा विस्तृत अध्ययन करना चाहते थे जो देश में क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के लिए नई नीतियां तथा योजना बनाने में मदद कर सके। उन्होंने आगे कहा, 'अध्ययन के दौरान हमें कई रोचक तथ्य देखने को मिले। महिलाएं इस उद्योग में काफी रुचि दिखा रही हैं और भविष्य में उनकी भूमिका बढ़ सकती है।' ठकराल ने बताया कि सेवा क्षेत्र क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बहुत अधिक उत्सुकता दिखा रहा है।
अध्ययन के अनुसार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी ग्राहकों की संख्या सबसे अधिक है। कुल उपयोगकर्ताओं में से 22.03 प्रतिशत दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से हैं, जिनमें से 91.02 प्रतिशत पुरुष और 8.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। इस सूची में मुंबई दूसरे स्थान पर रहा, जहां कुल कुल 14.42 प्रतिशत सक्रिय ग्राहक पाए गए, जिनमें से 93.4 प्रतिशत पुरुष तथा 6.6 प्रतिशत महिलाएं हैं। अध्ययन में पाया गया कि देश में पुरुष तथा महिलाओं द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्रमश: 93.28 प्रतिशत तथा 6.27 प्रतिशत है। यह सर्वे भारतीयों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बढ़ रही रुचि को दर्शाता है।
इससे पहले, वर्ष 2018 की शुरुआत में बिटकॉइन काफी चर्चा में रहा। सर्च इंजन गूगल के अनुसार इसकी खोज दृश्यता वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में 1,000 प्रतिशत तक बढ़ गई थी। साथ ही, विकीपीडिया की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में सबसे अधिक खोजे जाने वाले शब्दों में बिटकॉइन ने स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क, भारत, फेसबुक जैसे शब्दों को पछाड़कर नौवां स्थान हासिल किया था।
(साभार- बी. एस.)
swatantrabharatnews.com