चौदह जिलों में 23 लाख 'घोस्ट कंज्यूमर' की तलाश को निकला ऊर्जा निगम
मेरठ, 29 जून: पश्चिमांचल के 23.12 लाख उपभोक्ता ऊर्जा निगम के 350 करोड़ रुपये लेकर गायब हो गए। निगम ने इन 'घोस्ट कंज्यूमर' को तलाशने का बीड़ा उठाया है। एमडी ने मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के अफसरों को दिसंबर तक लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया है। तीन मंडलों के चौदह जिलों में बिजली की खुलेआम लूट हुई। 23,12,348 उपभोक्ता 350 करोड़ का बिल डकार गए। अब ये उपभोक्ता गायब हो गए हैं। ऊर्जा निगम ने इन्हें 'घोस्ट कंज्यूमर' घोषित किया है।
हड़पने वालों को अफसरों का संरक्षण
निगम प्रबंधन को विश्वास है कि बिल हड़पने वालों को निगम के अफसरों का भी संरक्षण है। इसमें भ्रष्टाचार भी खूब हुआ। ये सभी ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने लंबे समय तक बिल अदा नहीं किया। निगम के अफसरों ने इनसे वसूली के बजाय पहले उनका कनेक्शन अस्थाई और बाद में स्थाई रूप से काट दिया। कुछ मामलों में यह कार्रवाई अधर में है। निगम के अफसरों ने इसके बाद भी खेल जारी रखा। बिल डकारने वाले 99 फीसद उपभोक्ताओं के घरों में नए सदस्यों के नाम से बिजली कनेक्शन जारी कर दिए गए। अफसरों ने नया कनेक्शन देने से पहले बकाया जमा कराना जरूरी नहीं समझा। मीटर नहीं होने के कारण गांवों में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है।
तनाव में निगम अफसर
गायब उपभोक्ताओं की तलाश, बकाया बिल ठीक करके वसूली के लिए प्रत्येक खंड को मासिक लक्ष्य दिया गया है। इसकी सघन निगरानी भी होगी। अफसरों की मिलीभगत से ही यह हालात बने हैं। गंभीरता से जांच हुई तो अफसरों की पोल खुलनी तय है। इसलिए अब अफसर तनाव में हैं। एमडी पीवीवीएनएल आशुतोष निरंजन ने कहा कि इन हालात के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं। 'घोस्ट कंज्यूमर' हर हाल में तलाशने होंगे। प्रत्येक एक्सईएन को दिसंबर तक का लक्ष्य दिया गया है।
(साभार- JNN)
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