EXCLUSIVE: कानपुर-लखनऊ रेलखंड पर टूटी पटरी से निकलती रहीं कई ट्रेनें - क्या उत्तर रेलवे लखनऊ की कोई जवाबदेही नहीं ?-
उन्नाव, 23 जून: गंगाघाट रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को डाउन ट्रैक की लूप लाइन पर पटरी टूट गई थी। सुबह से लगभग दर्जन भर से अधिक ट्रेनें इसी टूटी पटरी से धड़धड़ाते हुए निकलती रहीं लेकिन, उत्तर रेलवे के अत्यधिक विवेकशील DRM / लखनऊ और उनके दल- बल को इसकी कोई जानकारी नहीं हो पेयी क्योंकि, पहले की तरह अब रेलवे के PWI, IOW, BRI, S.I. से लेकर AEN, ASTE, DEN, Sr. DEN, ADRM और DRM तक रेल पथ के निरिक्षण का कार्य ट्रॉली से करते ही नहीं.
पूर्वान्ह करीब 11 बजे एक ट्रैकमैन की नजर जब पटरी पर पड़ी तो उसने इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर ने कंट्रोल समेत रेल पथ विभाग के इंजीनियरों को इसकी जानकारी दी।
इंजिनीरिंग विभाग के निर्देश पर टूटी पटरी को बदलने के लिए दर्जन भर से अधिक गैंगमैन गंगाघाट स्टेशन पहुंच गए।
शुक्रवार सुबह करीब 10:40 बजे से मेन डाउन लाइन पर एक मालगाड़ी के खड़े होने से शताब्दी, एलटीटी गोरखपुर, अहमदाबाद गोरखपुर, झांसी पैसेंजर समेत दर्जन भर ट्रेनों को टूटी पटरी से ही निकाला गया जबकि, उसके पहले सुबह से एलकेएम आदि ट्रेनें भी लूप लाइन से होकर निकलती रहीं।
इंजिनीरिंग विभाग ने पटरी को बदलने के लिए दोपहर 12:55 बजे से 1:25 बजे तक आधे घंटे का ब्लाक लिया। ब्लाक लेकर करीब 12 मीटर पटरी को बदला गया। तब तक कानपुर-लखनऊ रेल रूट बाधित रहा। ब्लाक अवधि में कोई ट्रेन रवाना नहीं हो सकी। ब्लाक खत्म होने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हो सका। स्टेशन मास्टर बाघमारे ने बताया कि 11 बजे डाउन की लूप लाइन पर पटरी के टूटने की जानकारी उन्हें हुई थी।
लोगों में आम चर्चा है कि, क्या DRM की कोई जवाबदेही या जिम्मेदारी नहीं ?-
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