किसान को ज़िंदा जलाने का मामला: समाज व राजनीति इतनी संवेदनहीन व सत्तापरक व मतोन्मुख हो चुकी है कि उसे केवल वोट व चुनाव ही उद्देश्य बचा है। - रघु ठाकुर
भोपाल, 22 जून: भोपाल जिले में बैरसिया क्षेत्र के परसोरिया घाटखेड़ी गांव में पट्टे पर मिली खेती की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के प्रयास में अनुसूचित जाति के एक किसान की गांव के ही अतिक्रमणकारी दबंगों द्वारा खेत में जिंदा जलाकर हत्या करने पर महान समाजवादी चिंतक व विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने कहा कि, "भोपाल के बेरसिया के पास के गांव परसोरिया में कल दलित किसान किशोरीलाल को जमीन पर कब्जे के विरोध में दबंगों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। उसकी पत्नी पखिया बाई रो - रोकर गिड़गिड़ाती रही पर हत्यारों का दिल नहीं पसीजा। यह अमानवीय घटना समूची सत्ता व समाज को शर्मसार करने वाली है।
साथ ही कुछ ज्वलन्त प्रश्नभी सामने रखती है--
1. मृतक की जमीन सरकार के पट्टे की थी और आबंटन के 18वर्ष बाद भी गरीब अपनी जमीन को नहीं बचा पा रहे। क्या यह सरकार व प्रशासन की असफलता नहीं है ?-
2. समाचार पत्रों के अनुसार किशोरीलाल ने कई बार पुलिस थानेदार को शिकायत की पर टीआई ने कार्यवाही के बजाय उसे ही गालियाँ देकर भगा दिया।अगर टी आई ने अपने दायित्व का निर्वहन किया होता तो यह घटना नहीं होती।
3. समाज व राजनीति इतनी संवेदनहीन व सत्तापरक व मतोन्मुख हो चुकी है कि उसे केवल वोट व चुनाव ही उद्देश्य बचा है। जातीय भेदभाव व हिंसा की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है। सत्तापक्ष की विकास यात्राएँ सम्पर्क अभियान जनआशीर्वाद आदि कितने खोखले हैं व आमजन से कटे हुए हैं इसका यह प्रमाण है।
4. समूचे प्रदेश में जातीय भेदभाव व हिंसा की घटनाओं के समाचार मिल रहे हैं। बुंदेलखंड में तो घोड़ो पर दूल्हे के बैठने बारात में डीजे पर भी दलितों पर हमले हो रहे हैं।
मेरी राय में सरकार को टीआई पर कार्यवाही करना चाहिए और इस हत्याकांड में सहयोगी भूमिका का मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
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