डॉ लोहिया का सपना था - राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान सबको शिक्षा एक समान: ग्राम पुर में हायर सेकेंडरी स्कूल शुरू हो- रघु ठाकुर
अटेर क्षेत्र के ग्राम पुर में लोसपा का पिछड़ा वर्ग जागृति सम्मेलन संपन्न।
भिंड (म.प्र.), 10 जून: भारत की समाज व्यवस्था में लोगों ने जन्मना भेदभाव किया था जिसके परिणाम स्वरुप लोगों को और समाज के बड़े हिस्से को पढ़ने लिखने के अवसर प्राप्त नहीं हुए। परिणाम स्वरुप देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अवसर से वंचित रह गया। एक प्रकार की अयोग्यता उन पर थोप दी गई और वह यही वह वर्ग है, जिसे पिछड़े वर्ग और दलित के नाम से जाना जाता है। यह बात लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- महान समाजवादी चिंतक व विचारक- रघु ठाकुर ने अटेर क्षेत्र के ग्राम पुर में पिछड़ा वर्ग जागृति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं।
श्री ठाकुर ने कहा कि पिछड़े वर्ग को बराबरी पर लाने के लिए डॉक्टर लोहिया ने विशेष अवसर का सिद्धांत दिया था और पिछड़े पावें 100 में 60 का नारा दिया था। बोलचाल की भाषा में इसे ही आरक्षण कहा जाता है। भारतीय संविधान में भी इसी कमी को दूर करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था। न केवल भारत में बल्कि यूरोप और अमेरिका में भी आरक्षण किसी न किसी रूप में लागू है अमेरिका में इसे "अफरमेटिव एक्शन" कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि देश के पहले पिछड़े वर्ग आयोग ने जिसके सभापति काका साहब कालेकर थे जिन्होंने पिछड़ी जातियों को 40% आरक्षण की सिफारिश की थी। परंतु तत्कालीन सरकार ने उसे अमान्य कर दिया।
मंडल कमीशन पर बोलते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि 1979 में जनता पार्टी ने मंडल कमीशन का गठन किया था जिसे लंबे संघर्ष के बाद 1990 मैं जनता दल की सरकार मैं लागू किया गया।
परंतु पिछड़े वर्ग के लिए जिसकी आबादी 52 प्रतिशत थी मात्र 27% आरक्षण मिला।
मध्यप्रदेश में तो बाद में केवल 14% आरक्षण ही दिया गया।
इसके बावजूद भी आजकल योजनाबद्ध ढंग से मुहिम चलाई जा रही है और आरक्षण मुक्त भारत की बात की जा रही है।
जो लोग आरक्षण हटाने की मांग करते हैं उन्हीं के पुरखों ने जातिगत आरक्षण लागू किया था और हजारों साल तक देश की बड़ी आबादी को पिछड़ा बना कर रखा था। ज्ञान और सत्ता के केंद्र से उन्हें षड्यंत्र पूर्वक दूर रखा गया। अब पिछड़े वर्गों की यह जवाबदारी है कि वह लंबे संघर्ष से जो आरक्षण प्राप्त हुआ है वह बचाएं और उसे समय और आवश्यकता के अनुसार आगे ले जाने का प्रयास करें।
पिछड़े वर्ग की जातियों को परस्पर जातिवाद से ऊपर उठकर व्यापक एकता बनाना होगी और अपने साथ अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को भी लाना होगा। समय और अनुभव के साथ आरक्षण का लाभ पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कमजोर लोगों तक पहुंच सके। इसकी पहल भी स्वतः पिछड़े वर्ग को करनी होगी, जातिवाद को समाप्त करने और एक सर्व समाज बनाने की पहल करना होगी। यही सपना था महात्मा गांधी, ज्योतिबा फुले, बाबा साहब अंबेडकर, डॉक्टर लोहिया और समाज के बदलाव के नेताओं का।
उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की जागृति के लिए और योग्यता के लिए शिक्षा अनिवार्य है परंतु देश में निजी शिक्षा के महंगे टापू खड़े कर दिए गए हैं इन्हें गिराकर डॉक्टर लोहिया के सपने के अनुसार सबको समान और निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी। श्री ठाकुर ने डॉक्टर लोहिया के समान शिक्षा के नारे का मंत्र बताते हुए कहा कि डॉक्टर लोहिया का सपना था कि "राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान सबको शिक्षा एक समान" की व्यवस्था होनी चाहिए।
ग्राम पुर में की हायर सेकेंडरी स्कूल व डिग्री कॉलेज की मांग- श्री ठाकुर ने ग्राम पुर में हायर सेकेंडरी स्कूल एवं डिग्री कॉलेज की मांग करते हुए कहा कि पुर जो बड़ी आबादी का गांव हैं, यहां हायर सेकेंडरी स्कूल तक नहीं है।
बच्चियों को आगे पढ़ने की व्यवस्था नहीं है और इसके परिणाम स्वरुप पुर और आसपास के गांव के छात्र-छात्राएं योग्यता के आधार पर भी आगे की पढ़ाई नहीं कर पातीं।
पार्टी मध्यप्रदेश सरकार से मांग करती है कि ग्राम पुर में हायर सेकेंडरी स्कूल आरंभ किया जाए तथा डिग्री कॉलेज की भी शुरुआत और स्वीकृति दी जाए।
सभा की अध्यक्षता- पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू दयाल बघेल ने की
सभा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभू दयाल बघेल के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह यादव, निसार कुरेशी आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में पार्टी के प्रवक्ता असगर खान, जिला अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा, राघवेंद्र नरवरिया सहित आदि सैकड़ों पिछड़े वर्ग के लोग व किसान उपस्थित रहे।
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