मौत: रेल कर्मी को आया था हार्ट अटैक, रेलवे अस्पताल में होता रहा लू का इलाज- हुई मौत.
डॉक्टर को अविलम्ब गिरफ्तार कर उसके बिरुद्ध आपराधिक कार्यवाही करने कि मांग ____ [सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, महामंत्री- रेल सेवक संघ]
जबलपुर, 22 मई: जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के सेन्ट्रल हास्पिटल में इलाज अब भगवान भरोसे हो रहा है, यहां के कुछ चिकित्सक मरीजों के मर्र्ज को डायग्नोस ही नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सोमवार की देर शाम सामने आया, जब मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय से एक कर्मचारी डाक लेकर पमरे मुख्यालय स्थित विजिलेंस कार्यालय गया, जहां पर वह बेहोश होकर गिर पड़़ा, उसे तत्काल ही अन्य रेल कर्मचारी रेलवे अस्पताल ले गये, जहां पर ड्यूटी में तैनात चिकित्सक लू लगना बताते हुए लू का इलाज शुरू कर दिये, लेकिन लगभग 2 घंटे बाद एक अन्य वरिष्ठ चिकित्सक ने मरीज की जांच की तो बताया कि इसे लूू नहीं लगी, बल्कि दिल का दौरा पड़़ा है, जिस पर उसकी नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल ही सिटी हास्पिटल रेफर किया गया, जहां पर देर रात उसकी मौत हो गई.
इस घटना की जानकारी आज मंगलवार 22 मई को सुबह कार्यालय खुलते ही डीआरएम आफिस में आक्रोश फैल गया और पर्सनल विभाग के कर्मचारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए रेलवे अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ डीआरएम से शिकायत करने का निर्णय लिया है. वहीं पमरे एम्पलाइज यूनियन ने भी डीआरएम को एक लिखित पत्र देने का निर्णय लिया है, जिसमें रेलवे अस्पताल की अव्यवस्था की लगातार आ रही शिकायतों पर कार्रवाई करने की मांग शामिल है.
सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, महामंत्री- रेल सेवक संघ
रेल सेवक संघ के महामंत्री - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव ने उक्त कर्मचारी की दुखद मौत पर गहरा दुःख और संवेदना व्यक्त करते हुए रेल प्रशासन से मांग की कि, उक्त डॉक्टर को अविलम्ब गिरफ्तार कर के उसके बिरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जाय.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के पर्सनल विभाग में रमेश गिरी 59 वर्ष डाक मैसेंजर के पद पर कार्यरत है, सोमवार 21 अप्रेल को उसे विभागीय डाक लेकर पमरे मुख्यालय स्थित विजिलेंस विभाग भेजा गया, शाम 5 बजे के लगभग जब वह विजिलेंस आफिस पहुंचा, तभी अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ा, जिस पर तत्काल ही विजिलेंस विभाग के कर्मचारियों द्वारा रेलवे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया. जहां पर ऑन ड्यूटी डाक्टर ने उसका परीक्षण किया और बताया कि उसे लू लगी है, जिस पर उसका लू का इलाज शुरू हो गया, उसे ड्रिप चढ़ाई जाने लगी.
लगभग दो घंटे तक जब उसे होश नहीं आया तो अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कमलेश वहां पहुंचे और बेहोश कर्मचारी की जांच की तो बताया कि उसे दिल का दौरा पड़ा है, जिसके बाद कर्मचारी की हालत नाजुक देख तुरंत ही निजी सिटी हास्पिटल रेफर कर दिया, जहां पर देर रात 10 बजे के लगभग कर्मचारी की मौत हो गई.
*डीआरएम आफिस के पर्सनल विभाग के स्टाफ में आक्रोश*
आज सुबह कार्यालय खुलते ही जैसे ही डीआरएम आफिस स्थित पर्सनल विभाग के कर्मचारियों को अपने सहकर्मी की मौत की जानकारी लगी और यह पता चला कि उक्त कर्मचारी की मौत गलत इलाज के चलते हुई है तो आक्रोश फैल गया.
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि रेलवे अस्पताल के डाक्टर 2 से ढाई लाख रुपए महीने की पगार ले रहे हैं, लेकिन वे यह तक डायग्नोस नहीं कर पा रहे कि मरीज को लू लगी है कि दिल का दौरा पड़़ा है.
आक्रोशित कर्मचारी दोपहर बाद डीआरएम डा. मनोज सिंह से अस्पताल की अव्यवस्था की शिकायत करने पहुंच रहे थे और दोषी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
वहीं पमरे एम्पलाइज यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि रेलवे अस्पताल में अव्यवस्था अपने चरम पर पहुंच चुकी है, यूनियन भी रेल कर्मचारी के गलत इलाज से हुई मौत पर कार्रवाई की मांग करती है और लिखित शिकायत पमरे के जीएम व डीआरएम को देगी.
तीन दिन पहले करंट से बेहोश रेल कर्मी की पत्नी के इलाज में भी बरती थी लापरवाही
बताया जाता है कि तीन दिन पहले भी रेलवे अस्पताल में एक रेल कर्मचारी की पत्नी, जिसे करंट लगने से बेहोशी की अवस्था में रेलवे अस्पताल लाया गया था, जहां पर उसका कई घंटों तक इलाज नहीं हुआ. मंडल रेल प्रबंधक का प्यून राकेश यादव ने इस बात की जानकारी जब डीआरएम डा. मनोज सिंह को दी, तब डीआरएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन को लताड़ लगाई थी, तब जाकर महिला का इलाज शुरू हो सका था.
*इनका कहना….*
– रेल कर्मी को जब रेलवे अस्पताल लाया गया था, तब उसकी हालत काफी खराब थी, उसका सामान्य उपचार शुरू किया गया और उसका ईसीजी व अन्य जांच की गई, जिसके बाद उसकी स्थिति को देखते हुए सिटी हास्पिटल रेफर कर दिया गया था. अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी दी है कि उक्त कर्मचारी का लू का इलाज नहीं किया गया.
*श्रीमती गुंजन गुप्ता, चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफीसर, पमरे, जबलपुर.*
(साभार- रेलवार्ता)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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