VIDEO: प्राइम टाइम: भारतीय रेल की लेटलतीफी खबर क्यों नहीं बनती?
पिछले 38 वर्षों से (वर्ष 1982 से) लगातार "रिटायर और पदोन्नति से रिक्त होने वाले रिक्त पदों पर भर्ती नहीं कर उनको समाप्त किया जा रहा है तथा हर हिस्से में ठेकेदारी लाई जा रही है, जिसका दुष्परिणाम आज सामने है. यदि रेल मंत्रालय अभी भी नहीं चेता तो और भी भयंकर परिणाम आने वाले हैं.
-र्रलवे का ढांचा चरमरा गया है
- हज़ारों ट्रेनों के निरस्त होने और लेटलतीफी का जिम्मेदार किसको माना जाय ?-
-ट्रेड वर्किंग से बढ़ रहा है भ्रष्टाचार !
-लगभग 20 लाख रेलवे कर्मचारियों की कमी से लगभग 2 हज़ार ट्रेनें रोज हो रही हैं निरस्त !
[सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, महामंत्री- रेल सेवक संघ तथा प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)/ लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी]
https://enquiry.indianrail.gov.in/xyzabc/CancelledTrains?scrnSize=&langFile=props.hi-in
All Cancelled trains:
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Fully Cancelled Trains
(Not running from source to destination): (1909) All Partially Cancelled trains:
Click on train number to view schedule and running.
Cancelled Trains
(Not running in a part of route): (457) |
भारतीय रेल की एक खूबी है. वो जैसे चाहती है यात्री उसके हिसाब से ढल जाते हैं. अगर ट्रेन निरस्त हो जाय अथवा 30 घंटे की देरी से चले तो यात्री उसके हिसाब से एडजस्ट हो जाते हैं.. असुविधाओं से एडस्ट होना यात्री होना होता है. हम रेल के हर सवाल से इतना एडजस्ट कर चुके हैं कि तीस घंटे की देरी से पहुंच कर भी सीधा घर चले जाते हैं. क्योंकि हम अपने समय का सम्मान नहीं करते हैं.
आइये सबसे पहले NDTV पर प्रसारित इस VIDEO को देखते हैं___
(VIDEO साभार- NDTV & You Tube)
ट्रेनों की लेट लतीफी पर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव के साथ स्वतंत्रभारत न्यूज़ के रिपोर्टर से हुयी बातचीत उन्ही के शब्दों में निचे प्रस्तुत किया जा रहा है_____
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) - सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव जो रेल सेवक संघ के महामंत्री और रेलवे के रिटायर्ड इंजिनियर भी हैं, ने पूछा कि, हज़ारों ट्रेनों के निरस्त होने और लेटलतीफी का जिम्मेदार किसको माना जाय?-
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि, आज रेल का ढांचा चरमरा गया है जिससे रेलवे को रोज लगभग दो हज़ार ट्रेनों को निरस्त करना पड़ रहा है तथा ट्रेनों के 30- 30 घंटे विलम्बित होना आम बात हो गयी है.
हम बराबर मांग करते चले आ रहे हैं कि, नयी - नयी लोकलुभावन घोषणाओं और परियोजनाओं को प्रारम्भ करने के स्थान पर रेल के बुनियादी ढाँचे को दुरुस्त किया जाय परन्तु, रेल मंत्रालय इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे एक तरफ जहां रेलवे कर्मचारी विहीन होता जा रहा है, वहीँ रेल के बुनियादी ढाँचे को दुरुस्त नहीं करने से ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से नहीं चल पा रहा है और रेलवे में आज सुरक्षा, संरक्षा और समय पालन का कोई मतलब नहीं रह गया है.
पिछले 36 वर्षों से (वर्ष 1982 से) लगातार "रिटायर और पदोन्नति से रिक्त होने वाले रिक्त पदों पर भर्ती नहीं कर उनको समाप्त किया जा रहा है तथा हर हिस्से में ठेकेदारी लाई जा रही है, जिसका दुष्परिणाम आज सामने है. यदि रेल मंत्रालय अभी भी नहीं चेता तो और भी भयंकर परिणाम आने वाले हैं. इसलिए मैं रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष- लोहानी जी के साथ- साथ देश के प्रधानमन्त्री- श्री नरेंद्र मोदी जी से भी आग्रह करूंगा कि, रेल के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त किया जाय तथा रेल के अधोसंरचना के अनुपात में नियमानुसार लगभग 20 लाख रेल कर्मचारियों कि भर्ती अविलम्ब किया जाय जिससे रोज़ लगभग दो- दो हज़ार ट्रेनों को निरस्त ना करना पड़े और रेल में संरक्षा, सुरक्षा और समयपालन के सिद्धांत को सुनिश्चित किया जा सके.
हमारे रिपोर्टर ने भी जब ट्रेनों के निरस्तीकरण की सच्चाई जानने के लिए रेलवे की वेब साइट पर जाकर देखा तो लो.स.पा. के प्रदेश अध्यक्ष - श्री श्रीवास्तव के रोज़ लगभग दो हज़ार ट्रेनों के निरस्तीकरण की बात को सच पाया.
ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप भी ताज़ा स्थिति जान सकते हैं.
(VIDEO: साभार- NDTV & You Tube)
सम्पादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
swatantrabharatnews.com