शायद यही भाजपा के संस्कार और राष्ट्रभक्ति का असली चेहरा है ?
शायद यही भाजपा के संस्कार और राष्ट्रभक्ति का असली चेहरा है ?
नई दिल्ली, 19 मई: कर्नाटक में ढाई दिन के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विधानसभा सदन के भीतर भी भाजपाई शैली में चुनाव सभा की तरह शानदार भाषण के साथ मीठी और छुपी हुई चेतावनी देते हुए शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया|
इसके तुरंत बाद भाजपा विधायक और प्रोटेम अध्यक्ष राष्ट्रगान खत्म होने से पहले ही सदन छोड़ गये|
शायद यही भाजपा के संस्कार और राष्ट्रभक्ति का असली चेहरा है ?
बतादें कि कांग्रेस ने पहले ही यह दावा कर दिया था कि येदियुरप्पा शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफ़ा दे देंगे, जो सच साबित हुआ और ईमानदार राष्ट्र्भक्तों की असलियत सबके सामने आ गई |
येद्दयुरप्पा ने अपने भाषण में कांग्रेस ,जेडीएस गठबंधन को जहां अपवित्र और अवसरवादी बताया, वहीं अपनी ईमानदारी की छाती पीटी, किसानों के लिए आंसू बहाए और मोदी,शाह,आम्बेडकर को याद किया | यह सब बोलते समय वे अपने ढाई आकाओं की बोली-बानी और करनी भूल गये |
वे भ्रष्टाचार के आरोप में अपनी जेल यात्रा और उसके बाद भाजपा की बेरुखी भी भूल गये | लेकिन वे यह कहना नहीं भूले कि मैं कर्नाटक के घर-घर जाउंगा और फिर वापस जीतकर आउंगा, क्या पता यह सरकार 5 साल रहे या उससे पहले राज्य में चुनाव हो जाएं |
स्वतंत्र भारत न्यूज’ को तमाम आरोपों प्रत्यारोपों के बीच भाजपा के ही सूत्रों ने बताया कि यह फैसला आज सुबह ही आला कमान ने ले लिया था क्योंकि विधायकों के जादुई आंकड़े से अधिक चिंता 4 राज्यों गोवा, मणिपुर,मेघालय,बिहार की थी क्योंकि वहां कांग्रेस,राजद ने अपने दावे पेश कर दिए थे|
यहां यह भी बताते चलें कि मीडिया के हर भोंपुओं ने हलक फाड़-फाड़ कर बताया था कि, "अमित शाह ने कर्नाटक में 50 हजार किलोमीटर की यात्रा की, नरेंद्र मोदी ने 21 रैलियां की, योगी ने मठों-मन्दिरों में माथा टेकने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी| इससे आगे राष्ट्रभक्त सरकार बनाने के ऐलान भी कर डाले थे|"
बहरहाल कर्नाटक से गुजरात तक भाजपा के सर्वशक्तिमान मोदी,शाह और योगी की 2019 के सियासी बीजगणित के सवाल को हल करने की कोचिंग कक्षाएं जल्द ही शुरू हो जायेंगी|
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